दिल्ली जल बोर्ड ने बागवानी के लिए शोधित जल पहुंचाने वाली परियोजना को मंजूरी दी
दिल्ली जल बोर्ड ने बागवानी के लिए शोधित जल पहुंचाने वाली परियोजना को मंजूरी दी
नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) दिल्ली जल बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी में बागबानी के लिए सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) से शोधित पानी पहुंचाने के लिए 90 करोड़ रुपये की एक परियोजना को मंजूरी दी है। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने यह जानकारी दी।
वर्मा ने बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें इस परियोजना को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि पार्क और सड़कों के किनारे हरे क्षेत्रों में शोधित पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
वर्मा ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य है कि एसटीपी से निकलने वाले शोधित पानी का बागबानी और खेती में इस्तेमाल किया जाए। शोधित पानी को बड़े पार्क, सड़कों के किनारे पेड़-पौधों तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाने वाली परियोजना को मंजूरी दी गई है।’
उन्होंने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मिलकर इस परियोजना पर काम करेंगे।
अधिकारियों के अनुसार बोर्ड के पास 37 एसटीपी हैं जिनमें से 18 की मलजल शोधन क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्नयन का काम जारी है। बोर्ड के सभी मौजूदा एसटीपी में लगभग 600 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) सीवेज उपचार क्षमता है, जबकि अनुमानित उत्पादन 792 एमजीडी है।
मंत्री ने कहा, ‘जहां जरूरत होगी वहां शोधित जल पहुंचाया जाएगा जैसे डीडीए पार्क और पीडब्ल्यूडी सड़कें तथा अन्य संबंधित विभागों को भी शोधित जल मिल सकेगा। हमने कुछ हिस्सों को देखा है जहां जल आपूर्ति की समस्या है, जिसका समाधान होगा। हमने शहर में 90 ऐसे इलाकों की पहचान कर ली है जहां यह पाइपलाइन बिछायी जा सकती हैं। डीजेबी ने सीवरेज सुधार योजना (एसआईएस) शुरू की है, जो शहर में सीवरेज बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए मास्टर प्लान है।’
अधिकारियों ने कहा कि एसटीपी के उन्यन्न के बाद शोधित जल को सरकार के तय मानकों के तहत छोड़ा जाएगा और उपचार क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘ एसटीपी के उन्नयन के अंर्तगत डीजेबी पानी की गुणवत्ता में और सुधार कर इसे 10 जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग स्तर (बीओडी) तक लाया जा रहा है, जिसका बागबानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।’
बोर्ड यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शोधित जल को वापस यमुना नदी में भेजने की परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है।
भाषा प्रचेता
अविनाश
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