दिल्ली दंगे 2020 : अदालत ने यूएपीए मामले में उमर खालिद की जमानत अर्जी नामंजूर की

दिल्ली दंगे 2020 : अदालत ने यूएपीए मामले में उमर खालिद की जमानत अर्जी नामंजूर की

दिल्ली दंगे 2020 : अदालत ने यूएपीए मामले में उमर खालिद की जमानत अर्जी नामंजूर की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: October 18, 2022 3:16 pm IST

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की कथित साजिश को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में जमानत देने से मंगलवार को इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा, ‘‘जमानत अर्जी में कोई ठोस कारण नहीं दिया गया है। जमानत अर्जी खारिज की जाती है।’’

दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2020 में गिरफ्तार खालिद ने जमानत का अनुरोध करते हुए अपनी अर्जी में कहा था कि उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में उसकी कोई ‘आपराधिक भूमिका’ नहीं थी और मामले के अन्य आरोपियों के साथ उसका किसी तरह का ‘षड्यंत्रकारी संपर्क’ भी नहीं था।

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दिल्ली पुलिस ने खालिद की जमानत अर्जी का विरोध किया है।

खालिद, शर्जील इमाम और कई अन्य के खिलाफ यूएपीए तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन सभी पर फरवरी 2020 के दंगों का कथित ‘षडयंत्रकारी’ होने का आरोप है। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के समर्थन एवं विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान दंगे हुए थे।

दंगों को लेकर खालिद के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी की सदस्य सफूरा जरगर, आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों के खिलाफ कड़े कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भाषा अर्पणा सुभाष

सुभाष


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