NCRB Report 2023: महिलाओं के लिए देश की राजधानी नहीं है महफूज!.. दर्ज किये गये दहेज हत्या और बलात्कार के सबसे ज्यादा मामले
दिल्ली में महिलाओं के साथ अपराध सबसे ज्यादा, 2023 में 13,366 मामले दर्ज: एनसीआरबी
NCRB Report 2023 || Image- IBC24 News Archives
- दिल्ली में महिलाओं पर सबसे अधिक अपराध
- बलात्कार के 1088 मामले दर्ज हुए
- पति द्वारा क्रूरता के 4219 मामले
NCRB Report 2023: नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ 2023 में सबसे अधिक अपराध दर्ज किए गए, जहां कुल 13,000 से अधिक मामले सामने आए। एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली ने 19 मेट्रो शहरों में दहेज हत्या और बलात्कार के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में प्रति लाख आबादी के प्ररिप्रेक्ष्य में अपराध दर 14.4 प्रतिशत रही, जो इंदौर और जयपुर से कम है। वर्ष 2023 में शहर में 1,088 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। जयपुर में 573 और मुंबई में 196 मामले सामने आए।
दिल्ली में एसिड अटैक के छह मामले दर्ज
रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल मिलाकर, 2023 में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 5.59 प्रतिशत की कमी आई, जबकि 2022 में 14,158 मामले थे और 2021 में 13,982 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2023 में अपहरण के 3,952 मामले दर्ज हुए। यह दर 52.2 प्रतिशत रही, जो पटना (71.3 प्रतिशत) के बाद दूसरी सबसे अधिक अपहरण दर है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में एसिड अटैक के छह मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली में दहेज हत्या के 114 मामले दर्ज किए गए, हालांकि यह दर (1.5 प्रतिशत) जयपुर, कानपुर और गाजियाबाद जैसे छह शहरों से कम थी। पति द्वारा महिलाओं के साथ क्रूरता के मामले दिल्ली में सबसे अधिक 4,219 रहे। रिपोर्ट के अनुसार, यौन मामलों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दिल्ली में बच्चियों के साथ बलात्कार के सबसे ज्यादा मामले 1,048 दर्ज हुए।
साइबर अपराध अपेक्षाकृत कम
NCRB Report 2023: इसके विपरीत, महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध अपेक्षाकृत कम रहे, वर्ष 2023 में केवल 36 मामले दर्ज किए गए। बेंगलुरु (127), हैदराबाद (53) और लखनऊ (41) में अधिक मामले सामने आए। इनमें यौन सामग्री प्रकाशित करना या भेजना, ब्लैकमेल, मानहानि, फर्जी प्रोफाइल बनाना जैसे अपराध शामिल थे। पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कतई बर्दाशत न करने की नीति और प्राथमिकी दर्ज करने में शीघ्रता और निष्पक्षता को आंकड़े में कमी आने की वजह बताया।

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