दिल्ली के चिड़ियाघर ने पशु देखभाल और कर्मचारी प्रशिक्षण के लिए वनतारा के साथ साझेदारी की
दिल्ली के चिड़ियाघर ने पशु देखभाल और कर्मचारी प्रशिक्षण के लिए वनतारा के साथ साझेदारी की
नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) दिल्ली में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, पशु कल्याण संगठन ‘वनतारा’ के साथ साझेदारी में चिड़ियाघर में पशुओं की देखभाल, कर्मचारियों के प्रशिक्षण और समग्र प्रबंधन में सुधार की दिशा में काम करेगा।
वनतारा के सीईओ विवान करणी ने कहा, ‘‘इस पहल का उद्देश्य चिड़ियाघर के संचालन को मजबूत करना और इसे दिल्ली के लोगों के लिए अधिक सार्थक और समृद्ध अनुभव में बदलना है।’’
अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि सहयोग का उद्देश्य साझा संसाधनों, वैज्ञानिक विशेषज्ञता और आधुनिक सुविधाओं के माध्यम से पशु देखभाल का समर्थन करना है। इसमें कहा गया है कि इसे चिड़ियाघर को पशु कल्याण में वनतारा के विशेष ज्ञान के साथ जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस समझौते को लेकर कुछ वर्गों ने आलोचना की है, तो कुछ ने आरोप लगाया है कि यह निजीकरण की ओर एक कदम है।
हालांकि, वनतारा के एक बयान में कहा गया है कि इस साझेदारी में किसी भी स्वामित्व या प्रशासनिक नियंत्रण को हस्तांतरित नहीं किया जा रहा और यह पूरी तरह सहयोगात्मक प्रयासों पर केंद्रित है।
करणी ने कहा, ‘‘यह दिल्ली सरकार द्वारा प्राणी विज्ञान और पशु कल्याण में विशेषज्ञता लाने के लिए एक दूरदर्शी कदम को दर्शाता है, ऐसे क्षेत्र जिनके लिए समर्पित, प्रशिक्षित पेशेवरों की आवश्यकता होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सहयोग भारत में पशु देखभाल के लिए एक नया मानक स्थापित करने की आकांक्षा रखता है, साथ ही राजधानी को ज्ञान, करुणा और देखभाल पर आधारित विश्व स्तरीय वन्यजीव पर्यावरण तक पहुंच प्रदान करता है।’’
बयान में कहा गया है कि समझौते के तहत दिल्ली चिड़ियाघर के कर्मचारियों को पशु देखभाल में अपने तकनीकी कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त होगा। इसमें कहा गया है कि चिड़ियाघर के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए उनके समग्र कल्याण का समर्थन करने के लिए बीमा कवरेज भी प्रदान किया जाएगा।
संगठन ने कहा, ‘‘जानवरों को संरक्षित स्थान देने के साथ-साथ, वनतारा का लक्ष्य चिड़ियाघर के कर्मचारियों को पशु कल्याण के क्षेत्र में विशेषज्ञ बनाना है।’’
वनतारा ने कहा, ‘‘दिल्ली चिड़ियाघर के साथ इस साझेदारी के माध्यम से, वनतारा एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता है जहां विशेषज्ञता, करुणा और सह-अस्तित्व भारत को पशु संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक रूप से अग्रणी बनने में मदद करता है।’’
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा

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