Raghav Chadha in Rajya Sabha: ‘जिन्होंने कंपनियों को अरबपति बनाया, उनकी हालत आज दिहाड़ी मजदूरों जैसी”.. AAP सांसद राघव चड्ढा ने आखिर किसके लिए कही ये बड़ी बात, खुद सुनें..

दस मिनट में सेवाएं देने वाले ‘डिलीवरी ब्वॉय’ की हालत दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर : राघव चड्ढा

Raghav Chadha in Rajya Sabha: ‘जिन्होंने कंपनियों को अरबपति बनाया, उनकी हालत आज दिहाड़ी मजदूरों जैसी”.. AAP सांसद राघव चड्ढा ने आखिर किसके लिए कही ये बड़ी बात, खुद सुनें..

Raghav Chadha Speech in Rajya Sabha || Image- Sansad TV file

Modified Date: December 5, 2025 / 02:36 pm IST
Published Date: December 5, 2025 2:17 pm IST
HIGHLIGHTS
  • राघव चड्ढा ने गिग वर्कर्स मुद्दा उठाया
  • डिलीवरी बॉय की कठिनाइयों पर चर्चा
  • सरकार से नीति बनाने की मांग

Raghav Chadha Speech in Rajya Sabha: नयी दिल्ली: ऑर्डर देने के बाद दस मिनट के भीतर या यथाशीघ्र सेवाएं देने वाले ‘डिलीवरी ब्वॉय (आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि)’ की समस्याएं उठाते हुए आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था के इन अनदेखे पहियों’’ की खामोशी के पीछे रोजगार की जरूरत और उसे लेकर व्याप्त असुरक्षा इन्हें अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर करती है। शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए चड्ढा ने कहा ‘‘जोमैटो, स्विगी के डिलीवरी ब्वॉय, ओला एवं उबर के ड्राइवर, ब्लिंकिट एवं जैप्टो के राइडर एवं अर्बन कंपनी के प्लंबर या ब्यूटीशियन वैसे तो गिग वर्कर हैं लेकिन वास्तव में ये लोग भारतीय अर्थव्यवस्था के अनदेखे पहिये हैं।’’

राघव ने उठाया ‘डिलीवरी बॉयज’ का मुद्दा

उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी में अहम बदलाव लाने वाली ई कॉमर्स और इन्स्टा डिलीवरी कंपनियां इन ‘‘खामोश कार्यबल’’ की बदौलत अरबों रुपये कमा चुकी हैं और कमा रही हैं लेकिन यह बदलाव लाने वाले और इन कंपनियों को अरबपति बनाने वाले कामगारों की हालत दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर है। चड्ढा ने कहा कि तेज गति और आपूर्ति समय के दबाव के चलते यह गिग वर्कर सोचता है कि अगर देर हुआ तो रेटिंग गिर जाएगी, प्रोत्साहन राशि कट जाएगा, ऐप लॉगआउट कर देगा या आईडी ब्लॉक कर देगा। उन्होंने कहा कि इसी डर से वह लाल बत्ती को नजरअंदाज कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए शीघ्रता से सामान की आपूर्ति करने का प्रयास करता है।

Raghav Chadha Speech in Rajya Sabha: उन्होंने कहा कि आपूर्ति में दस मिनट का विलंब होने पर ग्राहक की नाराजगी का डर मन में रहता है। उन्होंने कहा कि विलंब होने पर ग्राहक डिलीवरी ब्वॉय को पहले तो फोन कर डांटता है फिर उसे यह कह कर डराता है कि तुम्हारी शिकायत कर दूंगा और फिर उसे एक स्टार की रेटिंग दे कर उसकी महीने भर की मेहनत पर पानी फेर देता है। चड्ढा ने कहा कि इन लोगों का काम रोज 12 से 14 घंटे होता है, चाहे मौसम कोई भी हो। ‘‘इनके पास सुरक्षा के उपकरण भी नहीं होते और इन्हें विशेष बोनस या अतिरिक्त भत्ता भी नहीं मिलता। इनके लिए ‘‘कमाई कम, बीमारी ज्यादा’’ वाली हालत है।’’

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सरकार सोचें इन ‘गिग वर्कर्स’ की समस्याओं के बारे में

उन्होंने कहा ‘‘इसके बावजूद अपना दर्द छिपा कर, विषम परिस्थितियों में, ऑर्डर लाने के बाद ये लोग मुस्कुरा कर कहते हैं कि धन्यवाद महोदय, कृपया पांच स्टार की रेटिंग दे दीजिये।’’ उन्होंने कहा कि इनकी हालत फैक्टरी के दिहाड़ी कर्मचारियों से भी बदतर है क्योंकि न इनकी पक्की नौकरी होती है, न इनका कोई सुरक्षा बीमा होता है। उन्होंने कहा कि ये लोग भी किसी के बेटे, भाई, पति और पिता होते हैं और इन पर इनके परिवार आश्रित होते हैं। चड्ढा ने कहा कि सरकार को इन ‘गिग वर्कर्स’ की समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए और कोई ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे इन कामगारों को राहत मिल सके।

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