फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून बनाने की मांग लोकसभा में उठी

फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून बनाने की मांग लोकसभा में उठी

फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून बनाने की मांग लोकसभा में उठी
Modified Date: December 11, 2025 / 06:14 pm IST
Published Date: December 11, 2025 6:14 pm IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) झूठे मुकदमों में फंसाने वाले शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून बनाने, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की एक पीठ स्थापित करने और हरियाणा में जलभराव और बाढ़ की समस्या से किसानों को हुई क्षति की भरपाई किये जाने की मांग बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठाई गई।

निचले सदन में शून्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रवि किशन ने फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून बनाने की सरकार से मांग की।

रवि किशन ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ की गयी शिकायत झूठी निकलती है तो शिकायतकर्ता को उसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए और कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि किसी के झूठ से एक आरोपी व्यक्ति का जीवन परेशानी में पड़ सकता है, उसका पूरा परिवार बिखर सकता है और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो सकती है, जिसकी भरपाई कतई नहीं की जा सकती।

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भाजपा सांसद ने कहा कि इतना ही नहीं, फर्जी मुकदमों का बोझ सरकारी खजाने और न्यायिक व्यवस्था पर भी पड़ता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कानूनी प्रावधान किया जाना चाहिए।

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के इंद्र हांग सुब्बा ने राज्य की उन्नति एवं बेहतर भविष्य के लिए 12 समुदायों को जनजातीय दर्जा दिये जाने की मांग की।

समाजवादी पार्टी की रूचि वीरा ने शून्यकाल में मांग उठाई कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की एक पीठ स्थापित की जाए।

कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने बिहार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ने का दावा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एससी/एसटी निगरानी समिति की बैठक पिछले तीन साल से नहीं हुई है।

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में जलभराव और बाढ़ से उत्पन्न समस्या का जिक्र करते हुए केंद्र पर आरोप लगाया कि उसने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को राहत पैकेज तो दिया, लेकिन हरियाणा को कतिपय कारणों से छोड़ दिया।

उन्होंने प्रभावित किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिये जाने की मांग सरकार से की।

भाषा सुरेश सुरेश वैभव

वैभव


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