ध्वस्तीकरण मामला: न्यायालय का महाराष्ट्र के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई से इनकार

ध्वस्तीकरण मामला: न्यायालय का महाराष्ट्र के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई से इनकार

ध्वस्तीकरण मामला: न्यायालय का महाराष्ट्र के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई से इनकार
Modified Date: February 20, 2025 / 08:09 pm IST
Published Date: February 20, 2025 8:09 pm IST

नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर सुनवाई करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि महाराष्ट्र के अधिकारियों ने संपत्तियों को ध्वस्त करने के मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन किया है।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायत के साथ उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है।

न्यायमूर्ति गवई ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, ‘‘आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? हम यहां हर चीज की निगरानी नहीं कर सकते।’’

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याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उन्होंने 13 नवंबर 2024 के फैसले में शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया है।

शीर्ष अदालत के फैसले ने पूरे देश के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए थे और कारण बताओ नोटिस दिए बिना संपत्तियों को ध्वस्त करने पर रोक लगा दी तथा पीड़ित पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिये जाने को कहा था।

पीठ ने कहा, ‘‘हम मौजूदा याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। अगर याचिकाकर्ता व्यथित है, तो वह सुनवाई के अधिकार क्षेत्र वाले उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है।’’

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की संपत्ति से कुछ किलोमीटर की दूरी पर संपत्तियों को ध्वस्त करने के मामले में दायर याचिकाओं में उच्च न्यायालय ने माना था कि ये ढांचे पूरी तरह से अवैध हैं।

भाषा

सुभाष प्रशांत

प्रशांत


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