धमेंद्र प्रधान ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण ‘‘मॉड्यूल’’ की पैरवी की
धमेंद्र प्रधान ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण ‘‘मॉड्यूल’’ की पैरवी की
नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के जीवन में ‘प्रथम अध्यापिका’ बताते हुए उनके लिए एक व्यापक प्रशिक्षण ‘‘मॉड्यूल’’ विकसित करने का आह्वान किया।
स्कूलों के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों को एक ही स्थान पर स्थापित करने के लिए दिशानिर्देशों के लोकार्पण के अवसर प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उन्हें अपने कौशल को निखारने के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अत्यधिक प्रतिबद्ध होती हैं, लेकिन अगर वे अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती हैं, तो उन्हें यह अवसर मिलना चाहिए। चाहे 12वीं कक्षा पूरी करना हो या स्नातक की या आगे की पढ़ाई करनी हो, एक व्यापक प्रशिक्षण मॉड्यूल उनकी सहायता कर सकता है।’’
उन्होंने कहा कि अनुभव अमूल्य है, लेकिन पेशेवर सहयोग उन्हें नए शिक्षा ढांचे की मांगों को पूरा करने में मदद करेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमें उनकी क्षमता निर्माण के लिए एक व्यापक मॉड्यूल तैयार करना होगा, ठीक उसी तरह जैसे शिक्षक पेशेवर प्रशिक्षण से गुजरते हैं।’’
उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए शुरुआती वर्षों के महत्व पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज जो बच्चा छह महीने का है, वह 20 साल बाद एक युवा नेता होगा। अगर हम 2047 तक विकसित भारत चाहते हैं, तो नींव मजबूत होनी चाहिए और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस प्रक्रिया के केंद्र में हैं।’’
महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को एक ही स्थान पर स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की दृष्टि को पूरा करने की दिशा में एक कदम हैं।
उन्होंने कहा कि लगभग 85 प्रतिशत मस्तिष्क विकास छह साल की उम्र तक हो जाता है, जिससे प्रारंभिक शिक्षा और देखभाल महत्वपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि और शिक्षा मंत्री के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। जब आंगनवाड़ी और स्कूल एक ही छत के नीचे चलेंगे, तो बच्चों को न केवल पोषण और सुरक्षा मिलेगी, बल्कि वे खेल-खेल में भी सीखेंगे और मजबूत बुनियादी कौशल से भी लैस होंगे।’’
भाषा
राजकुमार अविनाश
अविनाश

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