Diwali Mava Adulteration: नई दिल्ली। धनतेरस और दिवाली ही नहीं भाई दूज से लेकर छठ तक मिठाई और खोए की खपत सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में नकली खोआ बाजार में खूब बिकने लगता है। ये नकली मेवा हानिकारक केमिकल्स से बना होता है और इसे खाने से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।
इसलिए जरूरी है कि जब आप बाजार से खोआ लें तो उसकी पहचान खुद कर सकें। एफएसएसआई ने नकली मावा की पहचान करने के बेहद आसान तरीके बताएं हैं। साथ ही आपको इस न्यूज में ये भी बताएंगे कि आम 15 मिनट में कैसे शुद्ध और स्वादिष्ट मावा घर पर ही बना सकते हैं।
नकली मावा पहचानने का आसान तरीका
Diwali Mava Adulteration: फूड स्टैंडर्ड एंड सेफ्टी ऑथोरिटी ने स्टार्च की मिलावट वाला नकली मावा पहचानने का तरीका बताया है-
1. मावे पर आप गर्म पानी में डालिए और इसके बाद इसमें कुछ बूंद आयोडीन की डालें। अगर आयोडीन डालते ही मावा नीला हो जाएतो इसमें स्टार्च मिला है। अगर रंग न बदले तो ये असली होगा। आप दुकान पर ही नकली मावा या खोया की पहचान कर चुटकीभर मावा लेकर हथेलियों के बीच रगड़ें अगर असली मावा होगा तो वह ऑयली और दानेदार होगा और इसमें किसी भी केमिकल की गंध नहीं आएगी।
2. असली मावा पहचानने के लिए एक और तरीका अपना सकते हैं। आप मावा लेकर उसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें और अगर गोलियों के बीच दरार दिख रही या बिखरने लगें तो वह खराब मावा है।
3. असली मावा मुंह के अंदर चिपकता नहीं है और नकली मावा मुंह के अंदर कई जगह चिपकेगा।
नकली मावा के नुकसान
Diwali Mava Adulteration: दिवाली पर नकली मावा या खोया से फूड इंफेक्शन, पेट दर्द, लिवर और किडनी इंफेक्शन तक हो सकता है।