द्रमुक सरकार ने अन्नादुरई से जुड़ी 1956 की घटना का जिक्र करने पर मुकदमे की मंजूरी दी: अन्नामलाई |

द्रमुक सरकार ने अन्नादुरई से जुड़ी 1956 की घटना का जिक्र करने पर मुकदमे की मंजूरी दी: अन्नामलाई

द्रमुक सरकार ने अन्नादुरई से जुड़ी 1956 की घटना का जिक्र करने पर मुकदमे की मंजूरी दी: अन्नामलाई

:   Modified Date:  May 12, 2024 / 10:30 PM IST, Published Date : May 12, 2024/10:30 pm IST

चेन्नई, 12 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने रविवार को कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाली सरकार ने द्रमुक संस्थापक सी एन अन्नादुरई और स्वतंत्रता सेनानी मुथुरामलिंग थेवर से जुड़ी 1956 की एक घटना का जिक्र करने के लिए उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।

सरकार की मंजूरी की एक प्रति टैग करते हुए अन्नामलाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों में द्रमुक सरकार ने सच बोलने के लिए मेरे और हमारे भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ बहुत सारे मामले दर्ज किए हैं और हाल में मुझ पर फिर से मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।’’

उन्होंने कहा कि अब उन पर ‘‘अतीत की एक घटना का जिक्र करने’’ के लिए मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है।

अन्नामलाई ने कहा, ‘‘मैं द्रमुक सरकार को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमें 1956 में देवथिरुमगनर पसुमपोन मुथुरामलिंग थेवर द्वारा कही गई बात का जिक्र करने की अनुमति दी, जिसे वे लोगों की यादों से मिटाना चाहते हैं। द्रमुक सरकार को हमारा संदेश: आप हमें पोल खोलने से नहीं रोक सकते चाहे जितने मामले दर्ज कर लो।’’

कथित नफरत भरे भाषण के लिए अभियोजन की मंजूरी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के तहत दी गई है।

आदेश में कहा गया है कि सेलम के जिलाधिकारी ने एक निवासी (सामाजिक कार्यकर्ता) वी पियसुह की याचिका पर सरकार को पत्र लिखकर कानून के अनुसार सीआरपीसी की धारा 196 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का अनुरोध किया था। आदेश में कहा गया कि इस पर विचार करने के बाद शत्रुता को बढ़ावा देने सहित अन्य अपराधों के लिए अभियोजन की मंजूरी दी गई है।

सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन में 11 सितंबर 2023 को भाग लेने के लिए धर्मादा मंत्री पी के शेखर बाबू के खिलाफ एक प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए अन्नामलाई ने अन्नादुरई पर एक टिप्पणी की थी।

भाजपा नेता ने कहा कि अन्ना ने 1950 के दशक में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू आस्था के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की थी और स्वतंत्रता सेनानी पसुमपोन मुथुरामलिंग थेवर ने इसका कड़ा विरोध किया था।

कुछ दिनों बाद अन्नामलाई ने कहा था कि उन्होंने अन्ना के बारे में बुरा नहीं कहा था, केवल इतिहास के पन्नों से एक घटना का जिक्र किया था कि किस तरह से मुथुरामलिंग थेवर ने सनातन धर्म का बचाव किया था।

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

 

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