दिल्ली में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी, आबकारी कानून के तहत दर्ज मामलों में 80 फीसदी की वृद्धि

दिल्ली में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी, आबकारी कानून के तहत दर्ज मामलों में 80 फीसदी की वृद्धि

दिल्ली में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी,  आबकारी कानून के तहत दर्ज मामलों में 80 फीसदी की वृद्धि
Modified Date: April 20, 2025 / 07:06 pm IST
Published Date: April 20, 2025 7:06 pm IST

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) दिल्ली में 2024 की तुलना में 2025 के शुरूआती तीन महीनों में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों में दोगुनी वृद्धि देखी गई, जबकि आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में 80 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। पुलिस द्वारा रविवार को साझा किये गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 31 मार्च 2025 के बीच दिल्ली में आबकारी अधिनियम के तहत कुल 2,496 मामले दर्ज किए गए, जबकि इसी अवधि के दौरान 2024 में कुल 1,382 मामले दर्ज किए गए थे।

इसी प्रकार, स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के उल्लंघन के मामले 257 से बढ़कर 544 हो गए। रोजाना औसतन छह मामले सामने आए।

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आंकड़ों के मुताबिक, शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज मामले भी बढ़े हैं, जो पिछले वर्ष के 957 से बढ़कर इस वर्ष 1,049 हो गए हैं, जबकि जुआ अधिनियम के तहत दर्ज मामले 2024 के 677 से बढ़कर 1,018 हो गए हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में अपराध में यह बढ़ोतरी प्रवर्तन कार्रवाई में वृद्धि के कारण हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक, शस्त्र अधिनियम और जुआ अधिनियम सहित विभिन्न कानूनों के तहत दर्ज अपराधों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा 2025 के प्रथम तीन महीनों में 6,836 मामले दर्ज किए गए हैं जो 2024 में इसी अवधि के 4,143 मामलों और 2023 में दर्ज 4,080 मामलों से काफी अधिक है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘आबकारी और एनडीपीएस मामलों में वृद्धि पुलिस के सक्रिय प्रयासों और अवैध शराब एवं मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले नेटवर्क के खिलाफ अभियानों की सफलता को दर्शाती है। पुलिस इसके लिए शहर में निगरानी उपकरणों और मुखबिरों के नेटवर्क का भी इस्तेमाल कर रही है।’’

आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता और भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज अपराधों के कुल मामलों में मामूली गिरावट देखी गई है। दिल्ली में 2025 की पहली तिमाही में ऐसे 63,898 मामले दर्ज किए गए। यानी एक दिन में करीब 710 मामले, जबकि पिछले साल यह संख्या 64,256 और 2023 में 82,534 थी।

आंकड़ों से पता चलता है कि चोरी की घटनाएं 2,017 से घटकर 1,725 ​​हो गईं, घरों में चोरी की घटनाएं 3,644 से घटकर 3,578 हो गईं। मोटर वाहन चोरी की घटनाएं भी काफी हद तक अपरिवर्तित रहीं, 2025 में 9,070 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2024 में 9,080 मामले दर्ज किए गए थे।

आंकड़ों के मुताबिक, ‘अन्य चोरी’ के मामलों में वृद्धि देखी गई। यह पिछले साल के प्रारंभिक तीन महीने में दर्ज 24,226 मामलों से बढ़कर इस साल इसी अवधि में 27,066 हो गये हैं।

भाषा धीरज सुभाष

सुभाष


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