बुजुर्ग और बीमार कैदियों के आपात पैरोल बढ़ाने की याचिका का डीएसएलएसए ने किया विरोध
बुजुर्ग और बीमार कैदियों के आपात पैरोल बढ़ाने की याचिका का डीएसएलएसए ने किया विरोध
नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने 65 साल से ज्यादा उम्र के और बीमारी या चिकित्सकीय स्थितियों की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण के बेहद खतरे का सामना कर रहे कैदियों के आपात पैरोल को आगे बढ़ाने की याचिका का दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध किया है।
डीएसएलएसए सदस्य सचिव कंवलजीत अरोड़ा ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पाटिल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की एक पीठ को बताया कि अगर याचिकाकर्ता-वकील चाहते हैं कि कैदियों को आत्मसमर्पण करने पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पैरोल पर रिहा होने वाले कैदियों पर भी लागू किया जाए तो उन्हें उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह 22 फरवरी को इस मामले की सुनवाई करेंगे और इसके साथ ही अदालत ने मामले की जल्द सुनवाई की वकील अमित साहनी की अर्जी को खारिज कर दिया।
वकील और सामाजिक कार्यकर्ता साहनी ने अदालत से अपील की कि कैदियों और जेल प्रशासन के हित में अन्य कैदियों के बाद ही उम्र दराज कैदियों को समर्पण करने का निर्देश दें।
याचिका में कहा गया कि सामाजिक दूरी जेल में संभव और सुसंगत नहीं है क्योंकि जेल में पहले से ही क्षमता से ज्यादा संख्या में कैदी हैं और महामारी का जेलों पर काफी प्रभाव पड़ा है।
याचिका में कहा गया कि 25 फरवरी को इस मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध है और शीर्ष न्यायालय द्वारा विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जनानत को बढ़ाने से संबंधित फैसले को आपात पैरोल पर जेल से रिहा होने वाले कैदियों पर भी लागू किया जाना चाहिए।
भाषा स्नेहा शाहिद
शाहिद

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