ईडी ने धनशोधन के मामले में तीन शीर्ष फैशन डिजाइनरों को तलब किया

ईडी ने धनशोधन के मामले में तीन शीर्ष फैशन डिजाइनरों को तलब किया

ईडी ने धनशोधन के मामले में तीन शीर्ष फैशन डिजाइनरों को तलब किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: June 23, 2021 1:53 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के एक कांग्रेस विधायक से जुड़े धनशोधन के मामले में देश के तीन शीर्ष फैशन डिजाइनरों को तलब किया है।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि डिजाइनरों को नोटिस भेजकर कहा गया है कि वे पूछताछ के लिए अगले सप्ताह तक दिल्ली में केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हों।

डिजाइनरों के नाम उजागर नहीं किए जा रहे हैं क्योंकि वे टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए।

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सूत्रों ने बताया कि मामला पंजाब के कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा और उनके परिवार से संबंधित धनशोधन के मामले से जुड़ा है और इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए डिजाइनरों को समन भेजा गया है। आरोपी के खिलाफ मार्च में एजेंसी ने छापेमारी की थी।

छापेमारी के समय खैरा आम आदमी पार्टी के बागी विधायक थे। वह हाल ही में कांग्रेस में फिर से शामिल हुए हैं।

खैरा 2017 के विधानसभा चुनाव में पंजाब के कपूरथला जिले की भोलथ सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विजयी हुए थे। हालांकि, जनवरी 2019 में उन्होंने अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अपनी खुद की पार्टी पंजाब एकता पार्टी बना ली थी।

ईडी ने खैरा पर मादक पदार्थ मामले के दोषियों और फर्जी पासपोर्ट रैकेट में शामिल लोगों का ‘‘सहयोगी’’ होने का आरोप लगाया है।

खैरा (56) ने आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें इसलिए निशाना बना रही हैं क्योंकि वह केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं।

उनके खिलाफ मामला 2015 के फाजिल्का (पंजाब) मादक पदार्थ मामले से संबंधित है जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्कर समूह से 1,800 ग्राम हेरोइन, सोने के 24 बिस्कुट, दो हथियार, 26 कारतूस और दो पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद किए थे।

सूत्रों ने कहा कि ईडी को पता चला है कि कथित तौर पर नकदी सहित कुछ भुगतान तीन डिजाइनरों को किया गया और इसीलिए एजेंसी लेन-देन के बारे में उनकी बात जानना चाहती है तथा उनके बयान दर्ज करना चाहती है। ईडी ने पंजाब पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद खैरा और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया है, ‘‘मादक पदार्थ की तस्करी भारत-पाकिस्तान सीमा के जरिए की गई और गिरोह के सरगनाओं में से एक ब्रिटेन में है। खैरा अंतरराष्ट्रीय तस्करों के गिरोह की सक्रिय रूप से मदद कर रहे थे और अपराध से मिले लाभ का लुत्फ उठा रहे थे।’’

भाषा

नेत्रपाल पवनेश

पवनेश


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