ED Action On Ex CM: पूर्व सीएम के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, अटैच की 800 करोड़ की संपत्ति
ED Action On Ex CM: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है।
Today News and LIVE Update 5 April 2025 | Photo Credit: IBC24 File Photo
- आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ गई है।
- ED ने पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की 800 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।
- ED की ये कार्रवाई CBI ने जो केस 2011 में दर्ज किया गया था उसी से जुड़ी है।
नई दिल्ली: ED Action On Ex CM: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक पुराने मामले में पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी के 27.5 करोड़ के शेयर और डेलमिया सीमेंट्स (भारत) लिमिटेड (DCBL) की 377.2 करोड़ रुपए की जमीन को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ DCBL ने दावा किया है कि, अटैच की गई संपत्ति की कुल कीमत 793.3 करोड़ रुपए है।
2011 में दर्ज मामले में की कार्रवाई
ED Action On Ex CM: आपको बता दें कि, ED की ये कार्रवाई CBI ने जो केस 2011 में दर्ज किया गया था उसी से जुड़ी है। आरोप है कि, डेलमिया सीमेंट्स ने भरती सीमेंट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया था, जो जगन रेड्डी से संबंधित है। ईडी द्वारा अटैच किए गए शेयर कार्मेल एशिया होल्डिंग्स लिमिटेड, सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और हर्षा फर्म में जगन रेड्डी की हिस्सेदारी से संबंधित हैं।
इस मामले को लेकर ED की तरफ से बताया गया कि, DCBL ने रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड में 95 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसका प्रतिनिधित्व जगन रेड्डी कर रहे थे। इसके बदले में, जगन ने कथित तौर पर अपने पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के प्रभाव का उपयोग कर कडपा जिले में 407 हेक्टेयर भूमि की माइनिंग लीज DCBL को दिलवाई।
31 मार्च को जारी हुआ था अटैचमेंट ऑर्डर
ED Action On Ex CM: ईडी और सीबीआई के अनुसार, वाईएस जगन रेड्डी, पूर्व सांसद वी विजया साई रेड्डी और DCBL के पुनीत डेलमिया के बीच हुए समझौते के तहत रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड के शेयर एक फ्रांसीसी कंपनी PARFICIM को 135 करोड़ रुपए में बेचे गए। इनमें से 55 करोड़ रुपए मई 2010 से जून 2011 के बीच हवाला के माध्यम से नकद में जगन को दिए गए। इन भुगतानों का विवरण दिल्ली स्थित आयकर विभाग द्वारा जब्त सामग्री में पाया गया। अटैचमेंट ऑर्डर 31 मार्च को जारी हुआ था, जिसे DCBL ने 15 अप्रैल, 2025 को प्राप्त किया।

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