मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए निर्वाचन आयोग आरजीआई से पंजीकृत मृत्यु आंकड़े मांगेगा

मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए निर्वाचन आयोग आरजीआई से पंजीकृत मृत्यु आंकड़े मांगेगा

मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए निर्वाचन आयोग आरजीआई से पंजीकृत मृत्यु आंकड़े मांगेगा
Modified Date: May 1, 2025 / 08:41 pm IST
Published Date: May 1, 2025 8:41 pm IST

नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) मतदाता सूचियों की त्रुटिहीनता सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग अब भारत के महापंजीयक से मृत्यु पंजीकरण आंकड़ा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा।

निर्वाचन आयोग ने बृहस्पिवार को कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पंजीकृत हुए मौत के आंकड़ों के बारे में समय पर जानकारी मिल जाएगी और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को मृतक के परिजनों के औपचारिक अनुरोध की प्रतीक्षा किए बिना, क्षेत्र का दौरा करके जानकारी का पुनः सत्यापन करने की अनुमति मिल जाएगी।

निर्वाचन आयोग को मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 तथा जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत ऐसे विवरण मांगने का अधिकार है।

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मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस) को अधिक मतदान अनुकूल बनाने के लिए आयोग ने इसके डिजाइन में भी संशोधन करने का निर्णय लिया है।

मतदाता की क्रम संख्या और अन्य विवरण अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे तथा अक्षरों का आकार भी बढ़ा दिया जाएगा, जिससे मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्र की पहचान करना आसान हो जाएगा और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नाम को सुगमतापूर्वक ढूंढा जा सकेगा।

आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि ईआरओ द्वारा नियुक्त सभी बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान नागरिक उन्हें पहचान सकें और विश्वास के साथ उनसे बातचीत कर सकें।

चुनाव संबंधी कर्तव्यों के निष्पादन में मतदाताओं और निर्वाचन आयोग के बीच प्रथम संपर्क के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर जाकर काम करते समय बीएलओ को जनता आसानी से पहचान सके।

मतदाता सूची की शुद्धता पर बहस के बीच, चुनाव निकाय ने पिछले महीने कहा था कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में मतदाता सूची की नियमित अद्यतन प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा।

इसमें कहा गया है कि मतदाता सूची को आधार से जोड़ने पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा।

भाषा प्रशांत माधव

माधव


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