चुनावी बॉण्ड: न्यायालय से धन जब्ती की याचिकाओं पर उसके आदेश की समीक्षा का अनुरोध

चुनावी बॉण्ड: न्यायालय से धन जब्ती की याचिकाओं पर उसके आदेश की समीक्षा का अनुरोध

चुनावी बॉण्ड: न्यायालय से धन जब्ती की याचिकाओं पर उसके आदेश की समीक्षा का अनुरोध
Modified Date: January 22, 2025 / 05:42 pm IST
Published Date: January 22, 2025 5:42 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय में बुधवार को एक याचिका दायर कर 2018 की चुनावी बॉण्ड योजना के तहत राजनीतिक दलों को मिले 16,518 करोड़ रुपये जब्त करने संबंधी याचिकाओं को खारिज करने के उसके दो अगस्त, 2024 के आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया है।

पुनरीक्षण याचिका में दो अगस्त, 2024 के उस आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया गया है, जिसमें योजना के तहत प्राप्त धन को जब्त करने के अनुरोध वाली पिछली याचिका को खारिज कर दिया गया था। इसलिए याचिका को बहाल करने और नए सिरे से सुनवाई का अनुरोध किया गया है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल दो अगस्त को खेम सिंह भाटी द्वारा दायर याचिका सहित कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिन्होंने चुनावी बॉण्ड योजना (ईबीएस) की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध किया था।

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अधिवक्ता जयेश के. उन्नीकृष्णन के माध्यम से दायर और वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया द्वारा तैयार की गई पुनरीक्षण याचिका में कहा गया है कि 15 फरवरी, 2024 को शीर्ष अदालत ने एक अन्य मामले ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) बनाम भारत संघ’ में ईबीएस को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन करने के कारण असंवैधानिक माना था।

याचिका में दलील दी गई है कि, ‘‘चुनावी बॉण्ड योजना और विभिन्न वैधानिक प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने का परिणाम यह है कि उक्त योजना कभी अस्तित्व में ही नहीं थी और यह शुरू से ही अमान्य है तथा कानून की यह स्थापित स्थिति है कि न्यायालय केवल कानून पाता है, कानून नहीं बनाता है।’’

याचिका में कहा गया है कि एडीआर मामले में दिए गए फैसले ने ईबीएस को शुरू से ही अमान्य कर दिया है और इसलिए राजनीतिक दलों द्वारा एकत्र की गई राशि को जब्त करने के अनुरोध वाली बाद की याचिकाओं को खारिज नहीं किया जा सकता था।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा


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