एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला : न्यायालय ने कार्यकर्ता ज्योति जगताप को अंतरिम जमानत दी

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला : न्यायालय ने कार्यकर्ता ज्योति जगताप को अंतरिम जमानत दी

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला : न्यायालय ने कार्यकर्ता ज्योति जगताप को अंतरिम जमानत दी
Modified Date: November 19, 2025 / 02:28 pm IST
Published Date: November 19, 2025 2:28 pm IST

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में 2020 में गिरफ्तार कार्यकर्ता ज्योति जगताप को बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब जगताप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने कहा कि वह पांच साल से अधिक समय से हिरासत में है। जगताप की ओर से अधिवक्ता करिश्मा मारिया भी उपस्थित हुईं।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि जगताप कबीर कला मंच (केकेएम) समूह की सक्रिय सदस्य थी, जिसने 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में अपने नाटक मंचन के दौरान न केवल आक्रामक, बल्कि अत्यधिक भड़काऊ नारे भी लगाए थे।

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उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘हमारा मानना ​​है कि अपीलकर्ता (जगताप) के खिलाफ एनआईए के आरोपों को प्रथम दृष्टया सत्य मानने के लिए उचित आधार मौजूद हैं।’’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुसार, केकेएम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का एक मुखौटा संगठन है।

उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता-सह-गायिका जगताप द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें एक विशेष अदालत द्वारा फरवरी 2022 में उसकी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।

एल्गार परिषद का 2017 का सम्मेलन पुणे शहर के मध्य में स्थित 18वीं शताब्दी के महल-किले शनिवारवाड़ा में आयोजित किया गया था।

अन्य केकेएम सदस्यों के साथ सम्मेलन में गाने और भड़काऊ नारे लगाने की आरोपी जगताप को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में बंद है।

जांचकर्ताओं के अनुसार, इस सम्मेलन में कथित तौर पर दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण एक जनवरी, 2018 को पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क उठी थी।

भाषा गोला वैभव

वैभव


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