प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण होने पर पात्र, अपात्र उम्मीदवार का निर्धारण नहीं हो सकता: याचिकाकर्ताओं के वकील
प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण होने पर पात्र, अपात्र उम्मीदवार का निर्धारण नहीं हो सकता: याचिकाकर्ताओं के वकील
कोलकाता, तीन अप्रैल (भाषा) वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती की पूरी प्रक्रिया को उच्चतम न्यायालय ने ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ करार दिया है, इसलिए यह निर्धारित नहीं किया जा सकता कि कौन पात्र था और कौन नहीं।
भट्टाचार्य ने कई उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व किया, जिनका दावा है कि उन्हें निष्पक्ष चयन प्रक्रिया से वंचित किया गया है।
उन्होंने लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि जब पूरी प्रक्रिया को ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ घोषित कर दिया जाता है, तो यह निर्धारित नहीं किया जा सकता है कि कौन पात्र था और कौन नहीं।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘किसी को भी उन लाखों उम्मीदवारों के हित के बारे में सोचना चाहिए जो नौकरियों की निष्पक्ष चयन प्रक्रिया से वंचित रह गए।’’
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए दावा किया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राज्य सरकार ने मामले को ठीक से पेश नहीं करके उच्चतम न्यायालय की सहायता नहीं की।
उन्होंने दावा किया कि सरकार ने नौकरी खोने वाले लोगों के हित में काम नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ‘‘ऐसी भर्तियों में शामिल लोगों को बचाना’’ चाहती थी।
भाषा सुरभि देवेंद्र
देवेंद्र

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