एक युग का अंत: प्रकाश सिंह बादल का निधन; मोदी, शाह, राजनाथ ने जताया शोक |

एक युग का अंत: प्रकाश सिंह बादल का निधन; मोदी, शाह, राजनाथ ने जताया शोक

एक युग का अंत: प्रकाश सिंह बादल का निधन; मोदी, शाह, राजनाथ ने जताया शोक

:   Modified Date:  April 25, 2023 / 11:02 PM IST, Published Date : April 25, 2023/11:02 pm IST

(फाइल तस्वीरों के साथ)

चंडीगढ़, 25 अप्रैल (भाषा) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल (95) का मंगलवार को निधन हो गया। उन्हें करीब एक हफ्ते पहले मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सांस लेने में असुविधा की शिकायत के बाद उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल के निदेशक अभिजीत सिंह ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “रात करीब आठ बजे बादल का निधन हो गया।”

अपने लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान, बादल पांच बार (1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 में) राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहे।

बादल 94 साल की उम्र में पिछले साल राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले देश के सबसे उम्रदराज उम्मीदवार बने, जब वह 13वीं बार चुनावी मैदान में उतरे। वह, हालांकि मुक्तसर जिले के लांबी के अपने गढ़ को नहीं बचा सके। सात दशक से अधिक के राजनीतिक करियर में यह उनकी केवल दूसरी हार थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बादल के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बादल ने न सिर्फ पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किये, बल्कि देश के विकास में भी बहुत योगदान दिया।

बादल के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वह भारतीय राजनीति के एक विशाल व्यक्तित्व और एक उल्लेखनीय राजनेता थे। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास में बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया और महत्वपूर्ण समय के दौरान राज्य को नेतृत्व दिया।”

मोदी ने कहा, “मुझे उनसे कई बातचीत याद है, जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता हमेशा स्पष्ट रूप से झलकती थी। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना।”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शोक जताते हुए कहा कि प्रकाश सिंह बादल का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि बादल का बेमिसाल राजनीतिक अनुभव सार्वजनिक जीवन में बहुत मददगार साबित हुआ।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह माटी के लाल थे और हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहे।

सिंह ने कहा, “श्री प्रकाश सिंह बादल जी एक कद्दावर राजनेता थे जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपर्ण भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन में, उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय योगदान दिए।”

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी बादल के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से काफी दुखी हूं। पंजाब ने एक महान दूरदर्शी नेता खो दिया है, जिन्होंने पंजाब के विकास में बहुत योगदान दिया। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।”

मलोट के पास अबुल खुराना में आठ दिसंबर, 1927 को जन्मे बादल ने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया। उनकी राजनीतिक यात्रा 1947 में उस वक्त शुरू हुई जब वे बठिंडा जिले के बादल गांव के ‘सरपंच’ बने। इसके बाद वे ब्लॉक समिति के अध्यक्ष बने।

वह 1957 में पहली बार उस वक्त विधायक बने जब वे कांग्रेस सदस्य के रूप में मलोट निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वह गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से मैदान में उतरे और वहां उन्हें 1969 के मध्यावधि चुनाव के दौरान अकाली दल के टिकट पर विधायक के रूप में चुना गया।

जब तत्कालीन मुख्यमंत्री गुरनाम सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया तो अकाली दल के सदस्यों ने रातोंरात खुद को फिर से संगठित किया और 27 मार्च 1970 को बादल को अपना नेता चुना तथा जनसंघ के समर्थन से सरकार बनाई।

लेकिन लगातार झगड़े और आपसी कलह के कारण, उन्होंने 13 जून, 1971 को राज्यपाल को विधानसभा भंग करने की सलाह दी।

अस्पताल ने बादल के निधन के कुछ समय बाद एक चिकित्सा बुलेटिन जारी किया, जिसमें उनकी बीमारी को लेकर विवरण था।

बुलेटिन के अनुसार, “पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल को 16 अप्रैल 2023 को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में तीव्र ब्रांकिअल अस्थमा के लक्षण के साथ भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद 18 अप्रैल को आईसीयू में स्थानांतरित किया गया।”

इसमें कहा गया कि उन्हें ‘नॉन इवेसिव वेंटिलेशन’ और अन्य चिकित्सा प्रबंधन के साथ आईसीयू में ही रखा गया।

कार्डियोलॉजी द्वारा समर्थित पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर टीम के साथ प्रोफेसर (डॉ.) दिगंबर बेहरा की निगरानी में उनके स्वास्थ्य का प्रबंधन किया जा रहा था।

बुलेटिन में कहा गया, “उचित चिकित्सीय प्रबंधन के बावजूद बीमारी के कारण उनका निधन हो गया।”

बादल अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में थे और डॉक्टर उनकी स्वास्थ्य स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे थे। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को दिन में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई।

सोमवार शाम को जारी एक बुलेटिन में, निजी अस्पताल ने कहा था, “प्रकाश सिंह बादल मेडिकल आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में निगरानी में हैं।”

एक सूत्र ने सोमवार को कहा था, “उन्हें इस समय सांस लेने में गंभीर कठिनाई हो रही थी और अधिक उम्र होने के कारण वह सांस की समस्या से उबर नहीं पा रहे थे।”

भाषा

प्रशांत सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)