India’s Security Weapons: बेहद मजबूत है भारत का सुरक्षा चक्र, इजरायल जैसा मिसाइल अटैक करने से पहले 100 बार सोचेगा दुश्मन देश
इजरायल जैसा मिसाइल अटैक करने से पहले 100 बार सोचेगा दुश्मन देश, Enemy country will think 100 times before launching missile attack like Israel
India's Security Weapons
नई दिल्लीः India’s Security Weapons ईरान ने इजरायल पर करीब 180 मिसाइलों से अटैक किया। इसके बाद से पूरी दुनिया की नजर दोनों देशों के बीच हो रही लड़ाई पर टिक गई है। दोनों देशों के बीच अपनी-अपनी मिसाइल सिस्टम है। यही वजह है कि दोनों देश एक-दूसरे को खत्म करने का दावा कर रहे हैं। भारत पर दुश्मन इजरायल जैसा मिसाइल अटैक कर दें तो क्या होगा? समझते हैं हमारे देश के पास क्या-क्या हथियार है और हमलों से कैसे बच सकते हैं।
India’s Security Weapons मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के पास काफी मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम है और अब इसे पूरी तरह से स्वदेशी बनाने का प्रोसेस चल रहा है। इजरायल के आयरन डोम की रेंज करीब 70 किलोमीटर है, जबकि भारत के पास जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली आकाश है। यह एक ऐसी प्रणाली है जो 25 किलोमीटर की रेंज में चार हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।
S-400: एस-400 को दुनिया के सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम में एक माना जाता है। एंटी-एक्सेस और एरिया डिनायल के क्षेत्र में एस-400 काफी असरदार मानी जाती है। ये अडवांस एयर डिफेंस सिस्टम विमान, यूएवी, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को गिराने में सक्षम है। इस सिस्टम में कई मिसाइलों का कॉम्बिनेशन हैं, जो अलग अलग रेंज पर टारगेट करती है। इसमें 9M96E के साथ 40 किलोमीटर की रेंज, 9M96E2 की 120 किलोमीटर की रेंज, 48N6 की 250 किलोमीटर की रेंज और 40N6E मिसाइल की 400 किलोमीटर की रेंज शामिल है। बता दें कि भारत रूस से ये सिस्टम ले रहा है और माना जा रहा है कि 2026 में रूस आखिरी दो स्क्वाड्रन भारत को सौंप देगा। 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल डील को 2023-24 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण इसमें देरी की संभावना है।
MRSAM : अगर 70 किलोमीटर की रेंज वाली कैटेगिरी में बात करें तो इंडियन आर्मी के पास मध्यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल MRSAM है, जिसे भारत और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है। MRSAM दुश्मन के हवाई खतरों, जैसे मिसाइलों, विमान, हेलीकॉप्टर्स और कई बमों को नष्ट करने में सक्षम है। MRSAM की भी कई यूनिट हैं, जिसमें एक स्वदेशी है और उसे एयर क्राफ्ट्स, फाइटर प्लेन, क्रूज मिसाइलों के लिए काम में लिया जा सकता है। ये हाई रेस्पॉन्स, क्विक रिएक्शन वाली सुपरसोनिक मिसाइल है। इसका वजन 275 किलो है और इसकी रेंज 70 किमी है।
Igla-S: भारतीय सेना को हाल ही में मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम वाली 10 मिसाइलें मिली हैं, जो रूस की ओर से बनाई गई है। इग्ला-एस एक हाथ से पकड़ी जाने वाली एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल है, जो विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर हमारे डिफेंस सिस्टम को बढ़ाती है। इसे दुश्मन के विमानों को गिराने के लिए किसी व्यक्ति या चालक दल की ओर से फायर किया जा सकता है। इनके साथ ही भारतीय सेना एलबीआरजी (लेजर बीम राइडर गाइडेंस) सिस्टम पर भी काम कर रही है।
BAD पर हो रहा है काम: भारत ने डीआरडीओ के साथ हाल ही में बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस को लेकर कई टेस्ट किए हैं। बीएमडी को पृथ्वी के वायुमंडल के अंदर और बाहर दोनों ही स्थानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। बीएमडी दो स्तर पर काम कर रहा है। एक स्टेज में 3000 किलोमीटर तक की दूरी वाली मिसाइलों को रोकने के लिए बनाया गया है, जबकि दूसरे चरण का लक्ष्य 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी वाली मिसाइलों को रोकना है। इनमें PAD, PDV, AAD इंटरसेप्टर डिजाइन किए गए हैं और इनके सफल परीक्षण भी हो चुके हैं। इनमें पीएडी 50-180 किलोमीटर की ऊंचाई के लिए है जबकि एएडी 20-40 किलोमीटर की ऊंचाई के लिए है। वहीं दूसरी स्टेड में एडी-1 और एडी-2 को विकसित किया जा रहा है, जिन्हें लंबी दूरी के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है।
VSHORADS : डीआरडीओ ने हाल ही में बहुत कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली VSHORADS का सफल परीक्षण किया था। यह एयर डिफेंस सिस्टम रूस के S-400 की तरह ही है। इस मिसाइल की स्पीड एयर डिफेंस सिस्टम के हिसाब से बेहतरीन है। इससे दुश्मन के यान, विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन को भागने या बचने का मौका ही नहीं मिलेगा।

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