चिंताएं दूर किए बगैर सूरत की सीमेंट ईकाई की पर्यावरण मंजूरी कायम नहीं रखी जा सकती : हरित अधिकरण

चिंताएं दूर किए बगैर सूरत की सीमेंट ईकाई की पर्यावरण मंजूरी कायम नहीं रखी जा सकती : हरित अधिकरण

चिंताएं दूर किए बगैर सूरत की सीमेंट ईकाई की पर्यावरण मंजूरी कायम नहीं रखी जा सकती : हरित अधिकरण
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: January 22, 2021 10:56 am IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि सूरत की एक सीमेंट ईकाई को मिली पर्यावरण मंजूरी पर्यावरण संबंधी सभी चिंताओं का उचित समाधान होने तक कायम नहीं रखी जा सकती है।

अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. के. गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पर्यावरण प्रभाव आकलन (इआईए) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पर्यावरण को प्रभावित करने वाली सभी चिंताओं का समुचित समाधान किया जाए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है।

अधिकरण राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण, गुजरात द्वारा सूरत के चोरयासी के शिवरामपुर गांव में इकलौती सीमेंट ईकाई लगाने के लिए सांघी इंडस्ट्रीज को पर्यावरण मंजूरी दिए जाने के खिलाफ इंजीनियरिंग और विनिर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

 ⁠

‘एल एंड टी’ ने आरोप लगाया है कि इस ईकाई का क्षेत्र में स्थित रक्षा उपकरण निर्माण ईकाई हाजिरा मैन्यूफैक्चरिंग कॉम्पलेक्स पर खतरनाक प्रभाव होगा।

अधिकरण ने इस संबंध में प्राप्त सूचनाओं पर गौर करने के बाद पाया कि ईकाई से निकलने वाली धूल, वाहनों की आवाजाही से होने वाले शोर, ग्राम पंचायत की सड़कों की क्षमता सहित तमाम बातों पर गौर नहीं किया गया है।

पीठ ने अपने आदेश में ईकाई से जुड़े विभिन्न पहलुओं का आकलन करने और पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को समन्वय और क्रियान्वयन की नोडल एजेंसी बनाया है।

अधिकरण ने विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की है जो अपनी रिपोर्ट तीन महीने के भीतर राष्ट्रीय हरित अधिकरण को ई-मेल से भेजेगी।

भाषा अर्पणा पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में