निष्कासित कांग्रेस नेता ने ‘भाजपा की मानसिकता’ से लिखा सोनिया गांधी को पत्र: ओपीसीसी प्रमुख

निष्कासित कांग्रेस नेता ने ‘भाजपा की मानसिकता’ से लिखा सोनिया गांधी को पत्र: ओपीसीसी प्रमुख

निष्कासित कांग्रेस नेता ने ‘भाजपा की मानसिकता’ से लिखा सोनिया गांधी को पत्र: ओपीसीसी प्रमुख
Modified Date: December 17, 2025 / 03:06 pm IST
Published Date: December 17, 2025 3:06 pm IST

भुवनेश्वर, 17 दिसंबर (भाषा) ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस से निष्कासित नेता मोहम्मद मोकिम का सोनिया गांधी को हाल में लिखा पत्र ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की मानसिकता’’ के साथ तैयार किया गया प्रतीत होता है।

इस पत्र में राज्य में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लेकर शंकाएं जताई गई है।

पूर्व विधायक मोकिम को सोमवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने अपने पत्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उम्र को लेकर सवाल उठाए थे।

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दास ने मंगलवार शाम ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘(पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिया गया) यह पत्र भाजपा की सोच से लिखा गया प्रतीत होता है। इसमें उठाए गए मुद्दे भाजपा के पसंदीदा विषय हैं।’’

ओपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि यह पत्र 14 दिसंबर को सार्वजनिक किया गया, जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) दिल्ली में एक बड़ी जनसभा का आयोजन कर रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘पत्र के समय और उसकी विषयवस्तु पर ध्यान दीजिए। इसे स्थानीय मीडिया की तुलना में राष्ट्रीय मीडिया के जरिए अधिक प्रचारित किया गया। यह संदेह करने के लिए पर्याप्त कारण हैं कि इसे भाजपा के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया।’’

बाराबती-कटक के पूर्व विधायक के पत्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए दास ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति पार्टी में सुधार लाने का दावा करता है, तो वह किसी संवाद के जवाब का इंतजार करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया जी को पत्र देना स्वीकार्य है, लेकिन उसे प्रेस में जारी करना स्वीकार्य नहीं है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि वह कांग्रेस में बने रहना नहीं चाहते।’’

ओपीसीसी प्रमुख ने कहा कि पार्टी ने मोकिम को एक बार के विधायक होने के बावजूद पूरा सम्मान दिया।

दास ने कहा, ‘‘उनका आचरण कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्धता की कमी दर्शाता है। कोई व्यक्ति पार्टी में रहते हुए उसी के वरिष्ठ नेताओं को कैसे चुनौती दे सकता है?’’

उन्होंने यह भी कहा कि मोकिम अल्पसंख्यक समुदाय से होने के कारण ओपीसीसी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के सदस्य थे।

उन्होंने कहा कि मोकिम पीएसी से संपर्क कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

राहुल गांधी के नेतृत्व पर मोकिम द्वारा उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए दास ने कहा, ‘‘मोकिम उन्हें कितना जानते हैं? उन्होंने देश भर में पदयात्रा कर लोगों में जागरूकता पैदा की है। क्या अब वह पत्र लिखकर राहुल गांधी जैसे नेता को मार्गदर्शन देंगे?’’

अपने पत्र में मोकिम ने पार्टी के मामलों में राहुल गांधी के बजाय प्रियंका गांधी वाद्रा को ‘‘नेतृत्व की अहम, स्पष्ट और सक्रिय भूमिका’’ देने की भी मांग की थी। मोकिम ने कहा था, “मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई पछतावा नहीं है। मैंने कांग्रेस को आईना दिखाने की कोशिश की है। वे मुझे निष्कासित कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा से अलग नहीं कर सकते, जिसका मैं पूरी निष्ठा से पालन करता हूं।’’

भाषा सिम्मी प्रशांत

प्रशांत


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