किसानों ने लोहड़ी के मौके पर जलाई नए कृषि क़ानूनों की प्रतियां, संगठनों का आरोप सरकार समर्थक है बनाई गई समिति

किसानों ने लोहड़ी के मौके पर जलाई नए कृषि क़ानूनों की प्रतियां, संगठनों का आरोप सरकार समर्थक है बनाई गई समिति

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  • Publish Date - January 13, 2021 / 12:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के मसले पर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म करने और बातचीत के जरिए हल निकालने की पहल जरूर की है लेकिन गतिरोध थमता नजर नहीं आ रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज बुधवार 49वें दिन भी जारी है। किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान संगठन देशभर में लोहड़ी के मौके पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जला रहे हैं। वहीं इस मुद्दे पर राजनीतिक दल भी सियासत से बाज नहीं आ रहे हैं।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी पर तीन कानूनों की प्रतियां जलाई। <a href=”https://twitter.com/hashtag/farmslaws?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#farmslaws</a> <a href=”https://t.co/JCjBgv6HYo”>pic.twitter.com/JCjBgv6HYo</a></p>&mdash; ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1349278048512733184?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 13, 2021</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

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वसंत की शुरुआत में उत्तर भारत में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। इस मौके पर लोग लकड़ियां इकट्ठी करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं। किसान नेता मंजीत सिंह राय ने एलान किया है कि किसान सभी प्रदर्शन स्थलों पर 13 जनवरी की शाम को कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। देश के अलग अलग हिस्‍सों में किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलानी शुरू कर दी हैं।

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नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन को धार देने की अपनी रणनीति तय करने के लिए बैठक भी कर रहा है। किसान संगठनों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई समिति सरकार समर्थक है। उनका कहना है कि उन्‍हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। हालांकि किसानों ने कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के फैसले का स्‍वागत किया है।

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