नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम (एफसीआरए), 2020 से संबंधित मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करेगा।
इस मामले में एक याचिका में कानून में हाल में किए गए कुछ संशोधनों को चुनौती दी गई है। एक अन्य याचिका में सरकार को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि वह गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की किसी विशिष्ट शाखा में खाता खोलने सहित कानून के कुछ विशिष्ट प्रावधानों का पालन करने के निर्देश का और विस्तार नहीं करे।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की तीन सदस्यीय पीठ से केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘‘यहां, एफसीआरए की वैधता को चुनौती दी गई है। हमारा जवाब रिकॉर्ड में आना है। मैं एक सप्ताह के भीतर दाखिल करूंगा।’’
पीठ ने कहा, ‘‘सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करेंगे की इस मामले में एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र दाखिल कर दिया जाए। इसे एक सप्ताह के बाद सूचीबद्ध कीजिए।’’
शीर्ष अदालत ने सात सितंबर को केन्द्र और अन्य को याचिकाओं का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। इनमें से एक याचिका में गृह मंत्रालय की 18 मई की अधिसूचना को चुनौती दी गयी है जो इस कानून के तहत भारतीय स्टेट बैंक की एक विर्निदिष्ट शाखा में खाता खोलने की अवधि 31 मार्च 2021 से बढ़ाकर 30 जून 2021 करने के अनुपालन के बरे में है।
भाषा नेत्रपाल अनूप
अनूप
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