फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना ने जांच में सहयोग नहीं करने के लक्षद्वीप प्रशासन के आरोपों का खंडन किया

फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना ने जांच में सहयोग नहीं करने के लक्षद्वीप प्रशासन के आरोपों का खंडन किया

फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना ने जांच में सहयोग नहीं करने के लक्षद्वीप प्रशासन के आरोपों का खंडन किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: July 27, 2021 3:32 pm IST

कोच्चि, 27 जुलाई (भाषा) लक्षद्वीप की फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना ने केरल उच्च न्यायालय में दावा किया है कि प्रशासन उन्हें राष्ट्र विरोधी की तरह प्रदर्शित करने की जल्दबाजी में है।

उन्होंने अदालत में लक्षद्वीप प्रशासन के इन आरोपों को खंडन किया है कि वह अपने खिलाफ राजद्रोह के मामले में जांच में सहयोग नहीं कर रही है।

लक्षद्वीप प्रशासन ने सुल्ताना के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की उनकी याचिका का विरोध करते हुए अदालत में अपने हालिया जवाब में आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और उन्होंने मामला दर्ज होने के बाद अपने मोबाइल फोन से विभिन्न बातचीत का ब्योरा मिटा दिया है। साथ ही, यह आरोप भी लगाया गया है कि उन्होंने पुलिस द्वारा मांगे गये दस्तावेज मुहैया करने से इनकार कर दिया।

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प्रशासन के आरोपों का जवाब देते हुए सुल्ताना ने दावा किया कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन से कोई ब्योरा नहीं मिटाया है। अधिवक्ता केए अकबर के मार्फत उन्होंने अदालत में कहा कि 25 जून को उनका मोबाइल फोन और उनके भाई का लैपटॉप जब्त करने के बाद इन उपकरणों को 15 जुलाई तक निचली अदालत में पेश नहीं किया गया और इस बात से अवगत नहीं हैं कि पूरे समय इन्हें किसके संरक्षण में रखा गया।

जवाब में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट या किसी अन्य इंटरनेट आधारित मंच से कोई बातचीत नहीं मिटाई है। संदेश मिटाये जाने के आरोप झूठे हैं। ’’

सुल्ताना ने अपने जवाब में प्राथमिकी और इससे जुड़ी कार्यवाही रद्द करने का एक बार फिर अनुरोध किया।

सुल्ताना को राजद्रोह के मामले में अग्रिम जमानत मिली हुई है।

कावरती के एक नेता द्वारा दायर याचिका के अधार पर सुल्ताना के खिलाफ नौ जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) और 153 बी (नफरत फैलाने वाला भाषण) के तहत एक मामला दर्ज किया गया था।

भाषा सुभाष शाहिद

शाहिद


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