वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं, फिर दी ‘कर्ज की खुराक’: कांग्रेस | Finance Minister doesn't understand economy, then gives 'loan supplements': Congress

वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं, फिर दी ‘कर्ज की खुराक’: कांग्रेस

वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं, फिर दी ‘कर्ज की खुराक’: कांग्रेस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : June 28, 2021/12:19 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1.1 लाख करोड़ रुपये की रिण गारंटी योजना समेत कई कदमों की घोषणा किए जाने के बाद सोमवार को आरोप लगाया कि वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है क्योंकि उन्होंने मांग बढ़ाने एवं लोगों की सीधी मदद करने की बजाय फिर से ‘कर्ज की खुराक’ दी है।

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ वित्त मंत्री जी के संवाददाता सम्मेलन को मैंने गौर से सुना। आज अर्थव्यवस्था की बुनियादी समस्या- कम जीडीपी, अधिक महंगाई, कम मांग और बढ़ती बेरोजगारी है। लेकिन यही बात वित्त मंत्री जी को समझ नहीं आ रही है। आज फिर उन्होंने इस बारे में कोई बात नहीं की।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘कर्ज की खुराक के मॉडल का परिणाम सबको पता चल गया है। लोगों को कर्ज की खुराक की नहीं, बल्कि मदद की जरूरत है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि आप लोगों की आर्थिक मदद करेंगी, लोगों की जेब में पैसा डालने की बात करेंगी।’’

वल्लभ ने आरोप लगाया, ‘‘साल 2020 में घोषित कर्ज की खुराक वाले 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की तरह आज फिर से गलती की गई। लगता है कि वित्त मंत्री जी को अर्थव्यवस्था की समझा नहीं है।’’

उन्होंने सवाल किया कि ये कौन लोग हैं जो वित्त मंत्री को ‘कर्ज की खुराक’ की सलाह दे रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, ‘‘जीडीपी क्यों गिर रही है? महंगाई दर क्यों बढ़ रही है और इसे कम कैसे किया जाएगा? मांग में लगातार कमी आ रही है, मांग बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? बेरोजगार लोगों की मदद के लिए क्या किया जा रहा है? वित्त मंत्री ने इस बारे में क्यों बात नहीं की।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को समझना होगा कि इन बिंदुओं पर ध्यान दिए बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सकता।

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार के कदमों के बारे में पूछे जाने पर वल्लभ ने कहा, ‘‘ पिछले सात महीनों में हमारे अन्नदाता दिल्ली के निकट बैठे हुए हैं। सरकार के पास समय नहीं है कि वह उनकी बात सुन ले…हमारी मांग है कि सरकार को अहंकार छोड़कर किसानों की बात सुननी चाहिए।’’

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिये 1.1 लाख करोड़ रुपये की रिण गारंटी योजना समेत विभिन्न उपायों की घोषणा की।

साथ ही उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिये आपातकाल ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये किये जाने का ऐलान किया।

भाषा हक हक नरेश

नरेश

 

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