Lady Doctor Rape-Murder Case
कोलकाता : Lady Doctor Rape-Murder Case कोलकाता में मेडिकल कॉलेज के एक पीजी महिला ट्रेनी डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद से देश में आक्रोश है। देशभर में चिकित्सकों एवं आम लोगों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किए। हालांकि घटना के मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है। वहीं आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ है। सीबीआई की टीम और एक्सपर्ट ने प्रेसिडेंसी जेल में झूठ पकड़ने वाली मशीन से उसका सामना कराया। लगभग चार घंटे तक टेस्ट चलने के बाद सीबीआई की टीम बाहर निकली।
Lady Doctor Rape-Murder Case डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह संकेत मिले हैं कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले में केवल आरोपी संजय रॉय ही शामिल है। वहीं केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के विशेषज्ञों से अंतिम राय के लिए सलाह लेगी। सूत्रों ने जानकारी दी कि बलात्कार और हत्या में अब तक किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता के कोई भी प्रमाण नहीं मिले हैं।
सूत्र ने बताया कि, पीड़िता के परिजनों ने गैंगरेप की आशंका जताई थी अतः कोई भी कमी हो उसे CBI दूर करना चाहती है, इस कारण एम्स के एक्सपर्ट्स से डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट पर अंतिम राय मांगी जाएगी। हालांकि, 20 अगस्त को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, यह सामूहिक बलात्कार नहीं था, कोई फ्रैक्चर नहीं था, किसी जल्दबाजी में अंतिम संस्कार नहीं किया गया और शव परीक्षण की वीडियोग्राफी की गई थी। साथ ही 12 घंटे के अंदर हत्यारा पकड़ लिया गया और मामले की कमान CBI के पास है।
Lady Doctor Rape-Murder Case बता दें कि अस्पताल परिसर में 9 अगस्त को संदिग्ध परिस्थितियों में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की लाश मिली थी। उसके बाद घटना के दूसरे दिन यानी 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। परंतु कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा मामले की जांच CBI को सौंपने के आदेश के बाद आरोपी को CBI को सौंप दिया गया। वहीं इस घटना को लेकर कोलकाता समेत देशभर में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार 23 अगस्त को कोलकाता की एक कोर्ट ने रेप एवं मर्डर मामले के आरोपी संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उनको 23 अगस्त की दोपहर कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकाता के सियालदह में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(ACJM) की कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। वहीं मामले की सुनवाई नियमित कोर्ट रूम के बजाय ACJM के कक्ष में हुई। साथ ही वहां किसी अन्य को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। इस दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उपायुक्त रैंक एक अधिकारी समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी ACJM कक्ष के बाहर तैनात किए गए थे।