अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह शिअद से अलग हुए गुट के अध्यक्ष चुने गए

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह शिअद से अलग हुए गुट के अध्यक्ष चुने गए

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह शिअद से अलग हुए गुट के अध्यक्ष चुने गए
Modified Date: August 11, 2025 / 03:56 pm IST
Published Date: August 11, 2025 3:56 pm IST

चंडीगढ़/अमृतसर, 11 अगस्त (भाषा) अकाल तख्त के पूर्व कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सोमवार को अमृतसर में आयोजित प्रतिनिधि सत्र की बैठक में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अलग हुए धड़े का अध्यक्ष चुना गया।

इसके अलावा, सतवंत कौर को गुट की पंथिक परिषद का अध्यक्ष चुना गया है।

अकाल तख्त द्वारा नियुक्त समिति ने अमृतसर के गुरुद्वारा बुर्ज अकाली फूल सिंह में शिरोमणि अकाली दल से अलग हुए गुट का प्रतिनिधि सत्र आयोजित किया।

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सोमवार को प्रतिनिधि सत्र के दौरान अध्यक्ष पद के लिए ज्ञानी हरप्रीत सिंह का नाम प्रस्तावित किया गया, जबकि पंथिक परिषद के अध्यक्ष पद के लिए सतवंत कौर का नाम प्रस्तावित किया गया।

तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, उन सिख धर्मगुरुओं में शामिल थे, जिन्होंने दो दिसंबर, 2024 को शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल और अन्य अकाली नेताओं को ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया था।

फरवरी में, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार के रूप में ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बर्खास्त कर दिया था।

कौर अखिल भारतीय सिख छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अमरीक सिंह की बेटी हैं। अमरीक जरनैल सिंह भिंडरावाले का करीबी सहयोगी था और 1984 में ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ में मारा गया था।

अकाल तख्त द्वारा नियुक्त समिति में विधायक मनप्रीत सिंह अयाली, इकबाल सिंह झूंडा, संता सिंह उम्मेदपुर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला और सतवंत कौर शामिल थे। इस समिति को पिछले साल दिसंबर में शिरोमणि अकाली दल के पुनर्गठन की निगरानी का अधिकार दिया गया था।

पिछले साल दो दिसंबर को अकाल तख्त ने अपने आदेश में सदस्यता अभियान शुरू करने और छह महीने के भीतर शिअद अध्यक्ष और पदाधिकारियों के पद के लिए चुनाव कराने के संबंध में सात सदस्यीय समिति का गठन किया था।

उस समय, सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ ने 2007 से 2017 तक पंजाब में पार्टी और उसकी सरकार के ‘पापों’ के लिए बादल और अन्य को ‘दंड’ सुनाया था।

भाषा आशीष धीरज

धीरज


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