देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने पर गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने दी आंदोलन की चेतावनी | Gangotri pilgrim priests warn of agitation if Devasthanam board is not dissolved

देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने पर गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने दी आंदोलन की चेतावनी

देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने पर गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने दी आंदोलन की चेतावनी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : June 4, 2021/1:27 pm IST

उत्तरकाशी, चार जून (भाषा) लंबे समय से देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को निरस्त करने की मांग कर रहे गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं तीर्थ पुरोहितों ने शुक्रवार को इस संबंध में जल्द कार्रवाई न होने पर आगामी 11 जून को काली पट्टी बांधकर मां गंगा की पूजा करने तथा 21 जून से क्रमिक अनशन पर बैठने की चेतावनी दी।

श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं तीर्थ पुरोहितों ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के माध्यम से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन भेज कर शीघ्र ही बोर्ड को भंग करने की मांग की तथा कहा कि ऐसा नहीं होने पर आगामी 11 जून को काली पट्टी बांधकर मां गंगा की पूजा अर्चना की जाएगी तथा 21 जून से क्रमिक अनशन पर बैठा जाएगा ।

समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के गठन का बहिष्कार करते आ रहे हैं,इसके बाबजूद सरकार ने उनकी मांग पर अमल नहीं किया।

उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद से चारों धामों की परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

सेमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री रावत ने गत 11 अप्रैल को कुंभ में साधु संतों के सानिध्य में 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड से बाहर किए जाने की बात कही थी, किंतु दो माह का समय बीत जाने के उपरांत भी इस संबंध में सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे चारधाम के तीर्थपुरोहितों में भारी रोष है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने चार धामों, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित प्रदेश में स्थित 51 प्रमुख मंदिरों के प्रबंधन के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था जिसका तीर्थ पुरोहित लगातार विरोध कर रहे हैं।

पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी हितधारकों से बात करके कोई निर्णय लेने की बात कहते हुए इस संबंध में पुनर्विचार के संकेत दिए थे।

भाषा सं दीप्ति धीरज

धीरज

 

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