गौरव गोगोई ने मोदी को पत्र लिखकर जुबिन गर्ग की मृत्यु की जांच पीएमओ की निगरानी में कराने की मांग की

गौरव गोगोई ने मोदी को पत्र लिखकर जुबिन गर्ग की मृत्यु की जांच पीएमओ की निगरानी में कराने की मांग की

गौरव गोगोई ने मोदी को पत्र लिखकर जुबिन गर्ग की मृत्यु की जांच पीएमओ की निगरानी में कराने की मांग की
Modified Date: September 30, 2025 / 09:24 pm IST
Published Date: September 30, 2025 9:24 pm IST

गुवाहाटी, 30 सितंबर (भाषा) कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर जुबिन गर्ग की असामयिक और दुखद मृत्यु की तत्काल और पारदर्शी जांच कराने तथा इसकी निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय से कराने का अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में, गोगोई ने आग्रह किया कि गर्ग की मृत्यु की जांच असम पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही है और इस जांच को ‘‘आपके प्रतिष्ठित कार्यालय की निगरानी और समीक्षा’ के अधीन रखा जाए।

उन्होंने यह भी मांग की कि नागरिक समाज संगठनों, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और न्याय के लिए आवाज उठाने वाले परिवार के सदस्यों को संरक्षण प्रदान किया जाए।

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गोगोई ने आरोप लगाया कि त्वरित और निर्णायक कार्रवाई के माध्यम से दो प्रमुख आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के बजाय, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ‘‘हमारे प्रिय कलाकार की असामयिक मृत्यु के लिए जिम्मेदार लोगों के प्रति अनुचित उदारता’’ दिखा रहे हैं।

जोरहाट के सांसद गोगोई ने कहा, ‘‘आरोपियों के प्रति यह उदारता और लंबे समय तक दी गई छूट उन्हें महत्वपूर्ण सबूतों से छेड़छाड़ करने या उन्हें नष्ट करने का मौका दे सकती है। अनगिनत प्रशंसक शांतिपूर्वक और धैर्यपूर्वक जुबिन के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और असम के विभिन्न हिस्सों में कई शिकायतें दर्ज की गई हैं।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि, मुख्यमंत्री इस शांतिपूर्ण सार्वजनिक मांग और नेपाल में हाल की घटनाओं के बीच अनुचित समानताएं खींचने की हद तक चले गए हैं।

गोगोई ने आरोप लगाया कि इसके अलावा, आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय, असम पुलिस ने ऐसे कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जो शांतिपूर्वक न्याय की मांग कर रहे थे – जिनमें से दो पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि साथ ही स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग करने वालों को धमकाया जाना जारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे विनम्रतापूर्वक इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं, ताकि न्याय में विश्वास बहाल हो सके और गहन जांच के साथ जुबिन गर्ग के परिवार एवं लाखों प्रशंसकों के लिए न्याय सुनिश्चित हो सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आदरणीय प्रधानमंत्री जी, जुबिन न केवल एक महान कलाकार थे, बल्कि एक ऐसी हस्ती भी थे, जिन्होंने असम और भारत के पूरे पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों की पीढ़ियों को प्रेरित किया।’’

गोगोई ने कहा कि उनके आकस्मिक निधन से लाखों लोग गहरे शोक में हैं और उनकी दुखद मृत्यु से जुड़ी परिस्थितियों को लेकर कुछ परेशान करने वाले सवाल भी उठे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन के बावजूद, मुख्यमंत्री ने मुख्य आरोपी – कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महंत और मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा – को 6 अक्टूबर तक सीआईडी ​​कार्यालय में पेश होने का अनुरोध किया है।’’

गोगोई ने कहा कि यह गौर करने योग्य है कि श्यामकानु महंत द्वारा आयोजित ‘पूर्वोत्तर भारत महोत्सव’ को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय से काफी धनराशि प्राप्त होती है और हाल के वर्षों में कई केंद्रीय मंत्रियों ने इसमें भाग लिया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, शर्मा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई के सांस्कृतिक विभाग के सह-प्रभारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

गायक की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मृत्यु हो गई थी, जहां वह तीन दिवसीय पूर्वोत्तर भारत महोत्सव (एनईआईएफ) में भाग लेने गए थे।

असम सरकार ने द्वीपीय राष्ट्र में गायक की मृत्यु की जांच के लिए विशेष डीजीपी एम पी गुप्ता के नेतृत्व में 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है।

भाषा

अमित दिलीप

दिलीप


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