सुभाष चंद्र बोस की 125वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनकी पुस्तकों के पुन: मुद्रण पर विचार कर रही सरकार

सुभाष चंद्र बोस की 125वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनकी पुस्तकों के पुन: मुद्रण पर विचार कर रही सरकार

सुभाष चंद्र बोस की 125वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनकी पुस्तकों के पुन: मुद्रण पर विचार कर रही सरकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: December 15, 2020 7:31 pm IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) सरकार 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर उनके द्वारा लिखी गईं कुछ पुस्तकों के पुन: मुद्रण और छात्रों के लिये अध्येतावृत्ति (फैलोशिप) शुरू करने पर विचार कर रही है।

इसके अलावा सरकार आईएनए के पूर्व सदस्यों को गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व करने के लिये आमंत्रित करने पर भी विचार कर रही है।

संस्कृति मंत्रालय के एक बयान के अनुसार कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान ये प्रस्ताव रखे गए।

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बयान में कहा गया है, ”बैठक में शामिल होने वालों में से कुछ ने नेताजी के साथ-साथ आईएनए के सदस्यों द्वारा लिखी गईं कुछ पुस्तकों की दोबारा छपाई और नेताजी को युवाओं के चहेते तथा लैंगिक समानता के पुरोधा के रूप में पेश करने के लिये स्कूलों और कॉलेजों में लघु व्याख्यान शुरू करने का सुझाव दिया।”

बैठक में बोस के परिवार और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आईएनए ट्रस्ट के सदस्यों, शिक्षाविदों, इतिहासकारों और उनसे जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

भाषा जोहेब प्रशांत

प्रशांत


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