सरकार अपने लाभ के लिए संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर रही : कांग्रेस
सरकार अपने लाभ के लिए संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर रही : कांग्रेस
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में आरोप लगाया कि सरकार की कथनी एवं करनी में अंतर है तथा वह अपने लाभ के लिए संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर रही है।
चुनाव सुधारों पर उच्च सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य अजय माकन ने कहा कि जीवंत लोकतंत्र में तीन बुनियादी शर्तें…. सबके लिए समान अवसर, पारदर्शिता और विश्वसनीयता महत्वपूर्ण होती हैं। उन्होंने दावा किया कि तीनों बातों के संदर्भ में राजग सरकार मानकों पर खरी नहीं उतरती।
माकन ने कहा कि वह कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी हैं और पिछले दो-तीन साल से कांग्रेस पार्टी का हिसाब यानी आय-व्यय का ब्यौरा वह देते हैं तथा दूसरे दलों का हिसाब भी निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर देखते हैं।
उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस और भाजपा के आय-व्यय के ब्यौरे का अनुपात 60:40 का था लेकिन 2019 में यह अनुपात चौंकाते हुए पूरी तरह बदल गया। उन्होंने कहा कि अनुपात 8:92 हो गया और भाजपा की आय में 11 फीसदी की वृद्धि हुई तथा यह सिलसिला आगे भी जारी है। ‘‘यह कैसा समान अवसर है सबके लिए?’’
माकन ने कहा कि 2024 के चुनाव की घोषणा 16 मार्च को हुई लेकिन एक माह पहले 13 फरवरी को कांग्रेस के खाते सील हो गए। उन्होंने कहा कि आयोग से पूछने पर जवाब नहीं मिला और आयकर विभाग ने कांग्रेस को 210 करोड़ रुपये का नोटिस दिया। उन्होंने कहा ‘‘हमारे बैंक अकाउंट से 133 करोड़ रुपये का आयकर काट लिया गया और फिर 23 मार्च को हमारे खाते खुले। प्रमुख विपक्षी दल कैसे चुनाव की तैयारी करेगा?’’
उन्होंने कहा कि सरकार को हर पक्ष पर ध्यान देना है लेकिन उसका एक काम लोकतंत्र की रक्षा करना भी होता है जिसमें वह पूरी तरह विफल रही है।
माकन ने कहा कि पारदर्शिता के मामले में भी स्थिति साफ नहीं है। हरियाणा में चुनाव हुए और पांच अक्टूबर को निर्वाचन आयोग ने देर रात आंकड़ा जारी कर कहा कि 61.19 फीसदी मतदान हुआ जो छह अक्टूबर को बढ़ कर 65.65 फीसदी और मतगणना में यह 68 फीसदी हो जाता है।
उन्होंने कहा कि मत प्रतिशत का सात फीसदी बढ़ना क्या चौंकाने वाली बात नहीं है।
माकन ने सरकार पर अदालतों के आदेश की अवहेलना करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज रिलीज करने का उच्च न्यायालय का आदेश भी सरकार ने नहीं माना। उन्होंने कहा कि एक साल तक सीसीटीवी फुटेज का रिकार्ड रखा जाता है लेकिन इसे घटा कर 45 दिन कर दिया गया है।
उन्होंने कर्नाटक के अलंग विधानसभा क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 तक छह हजार 18 मतदाताओं के नाम हटाने की बात की जाती है और शिकायत होने पर सीआईडी ने जांच की तो पता चला कि 5994 आवेदन जाली हैं।
माकन ने कहा कि निर्वाचन आयोग से जब इन आवेदनों के बारे में ब्यौरा मांगा गया तो कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को अपनी विश्वसनीयता बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि अंपायर ही अगर मैच फिक्स कर लेगा तो क्या होगा? उन्होंने दावा किया कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं का अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है।
भाषा
मनीषा अविनाश
अविनाश

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