नई दिल्ली : जीएसटी नेटवर्क अब सरकारी कंपनी बनेगी। जीएसटी परिषद की बैठक में शुक्रवार को इसके लिए मंजूरी दी गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीएसटीएन में निजी इकाइयों से सरकार 51% हिस्सेदारी लेगी। वहीं जीएसटीएन की 50% हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास और 50% हिस्सेदारी राज्यों के पास सामूहिक रुप से रहेगी।
केंद्रीय वित्तमंत्री ने बताया कि मंत्रीसमूह चीनी पर उपकर (सेस) लगाने के लिए विचार करेगा। इसके अलावा परिषद ने डिजिटल भुगतान के लिए 2% प्रोत्साहन देने का मामला 5 सदस्यीय समिति को भेजा है।
बैठक के दौरान चीनी पर सेस लगाने संबंधित विषय पर एक राय नहीं बन सकी। पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री का कहना था कि चीनी पर उपकर लगाने का फायदा सिर्फ महाराष्ट्र और यूपी को होगा। आम राय न बन पाने के कारण इस मुद्दे पर विचार करने के लिए मंत्रिसमूह का गठन करने की सिफारिश की गई।
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जेटली ने कहा, ‘मौजूदा चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में अप्रैल के आखिर तक देश में चीनी का उत्पादन 310 लाख टन से ज्यादा हो गया। खपत के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा होने से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आई, जिसके चलते मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया लगभग 20,000 करोड़ रुपये हो गया है’।
वेब डेस्क, IBC24
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