गुजरात: साबर डेयरी के बाहर पशुपालकों और पुलिस के बीच झड़प; तीन पुलिसकर्मी घायल, 40 हिरासत में

गुजरात: साबर डेयरी के बाहर पशुपालकों और पुलिस के बीच झड़प; तीन पुलिसकर्मी घायल, 40 हिरासत में

गुजरात: साबर डेयरी के बाहर पशुपालकों और पुलिस के बीच झड़प; तीन पुलिसकर्मी घायल, 40 हिरासत में
Modified Date: July 14, 2025 / 05:40 pm IST
Published Date: July 14, 2025 5:40 pm IST

हिम्मतनगर (गुजरात), 14 जुलाई (भाषा) गुजरात के साबरकांठा जिले में साबर डेयरी के बाहर पशुपालकों का प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिसकर्मियों ने पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) विजय पटेल ने बताया कि हिम्मतनगर कस्बे के पास साबरकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ या साबर डेयरी के बाहर हुए प्रदर्शन के बाद कम से कम 40 लोगों को हिरासत में लिया गया।

उन्होंने बताया कि कई पशुपालक दूध खरीद मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पूर्वाह्न करीब 11 बजे साबर डेयरी के बाहर इकट्ठा हुए थे।

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पटेल ने कहा, ‘‘मुख्य द्वार के पास रोके जाने पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुछ पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति को नियंत्रित करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हमने लगभग 50 आंसू गैस के गोले छोड़े। हमने अब तक 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। स्थिति नियंत्रण में है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है।’’

बायड विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक धवलसिंह जाला भी प्रदर्शनकारी पशुपालकों को समर्थन देने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद वह वहां से चले गए।

जाला ने कहा कि पशुपालक साबर डेयरी द्वारा इस वर्ष घोषित नौ से 10 प्रतिशत मूल्य वृद्धि के बजाय दूध खरीद मूल्य में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

जाला ने कहा, ‘‘इस डेयरी के सदस्य सैकड़ों पशुपालक दूध खरीद मूल्यों पर निदेशक मंडल के साथ सार्थक बातचीत की मांग को लेकर डेयरी के बाहर एकत्र हुए। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। मैं निदेशक मंडल से उनकी मांग स्वीकार करने का आग्रह करता हूं। मैं पशुपालकों, जो इस डेयरी के असली मालिक हैं, के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा करता हूं।’’

भाषा सुरभि सुरेश

सुरेश


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