गुजरात उच्च न्यायालय ने अंतर-धार्मिक विवाह को पुलिस सुरक्षा में पंजीकृत कराने का आदेश दिया

गुजरात उच्च न्यायालय ने अंतर-धार्मिक विवाह को पुलिस सुरक्षा में पंजीकृत कराने का आदेश दिया

गुजरात उच्च न्यायालय ने अंतर-धार्मिक विवाह को पुलिस सुरक्षा में पंजीकृत कराने का आदेश दिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: February 10, 2021 9:02 am IST

अहमदाबद, 10 फरवरी (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि दूसरे धर्म के व्यक्ति से विवाह करने की इच्छुक महिला को विवाह का पंजीकरण कराने के लिए पुलिस अपनी सुरक्षा में जूनागढ़ से अहमदाबाद लेकर आए।

अदालत का यह निर्देश लड़की के परिवार द्वारा विवाह के फैसले के विरोध करने के बाद आया।

न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी एवं न्यायमूर्ति संगीता के विशेन की पीठ ने आठ फरवरी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला को सुना जो इस समय जूनागढ़ में राज्य पुलिस का प्रशिक्षण ले रही है।

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मुस्लिम पुरुष से विवाह करने की महिला की इच्छा जताने के बाद अदालत ने एक महीने की नोटिस अवधि पूरी होने पर नौ फरवरी को यहां विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी का पंजीकरण कराने का आदेश दिया। अदालत ने यह फैसला पुरुष द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनाया।

जब विवाह की विस्तृत जानकारी के बारे में पूछा गया तो याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख तय की है।

अदालत ने निर्देश दिया कि महिला को पुलिस के वाहन में महिला पुलिसकर्मियों एवं जिला विधि सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ लाया जाए।

महिला ने मुस्लिम पुरुष से विवाह करने के फैसले पर माता-पिता की आपत्ति के बाद अहमदाबाद पुलिस प्रशिक्षण केंद्र से जूनागढ़ प्रशिक्षण केंद्र में स्थानांतरण ले लिया था।

भाषा धीरज शाहिद

शाहिद


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