गुरु तेग बहादुर का बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक: उपराष्ट्रपति

गुरु तेग बहादुर का बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक: उपराष्ट्रपति

गुरु तेग बहादुर का बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक: उपराष्ट्रपति
Modified Date: December 17, 2025 / 08:24 pm IST
Published Date: December 17, 2025 8:24 pm IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को गुरु तेग बहादुर की शहादत को धार्मिक स्वतंत्रता की ऐतिहासिक असाधारण पुष्टि में से एक करार दिया।

उन्होंने यहां एक अंतरधार्मिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सिख धर्म के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर ने अपने प्राण राजनीतिक सत्ता या किसी एक धर्म की श्रेष्ठता के लिए नहीं बल्कि व्यक्तियों के अपने अंतरात्मा के अनुसार जीवन जीने और पूजा करने के अधिकार की रक्षा के लिए बलिदान किए।

यह कार्यक्रम गुरु तेग बहादुर की शहादत की 350वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

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राधाकृष्णन ने कहा कि गुरु तेग बहादुर को न केवल एक सिख गुरु के रूप में बल्कि सर्वोच्च बलिदान और नैतिक साहस के सार्वभौमिक प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

उन्होंने कहा कि सिख गुरु असहिष्णुता के युग में सताए हुए लोगों के लिए ढाल बनकर खड़े रहे।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


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