हर्षवर्धन का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, महामारी से मिलकर लड़ना होना चाहिए मकसद: राहुल गांधी

हर्षवर्धन का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, महामारी से मिलकर लड़ना होना चाहिए मकसद: राहुल गांधी

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  • Publish Date - October 20, 2020 / 12:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

वायनाड (केरल), 20 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस नेता एवं वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयानों को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताते हुए कहा कि दूसरों को दोषी ठहराना और उन पर उंगली उठाना उचित नहीं है, बल्कि इस वैश्विक महामारी से मिलकर निपटना चाहिए।

केरल में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच हर्षवर्धन ने कहा था कि राज्य ओणम उत्सव के दौरान ‘‘भारी लापरवाही की कीमत चुका’’ रहा है। तब सेवाओं को खोल दिया गया था और व्यापार एवं पर्यटन के लिए यात्रा में बढ़ोतरी हुई थी, जिसके कारण कोरोना वायरस तेजी से फैला।

गांधी ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी है। पूरे देश को इस बीमारी से मिलकर लड़ना होगा। मुझे नहीं लगता कि दूसरों को दोषी ठहराना उचित है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस बड़ी चुनौती से निपटने की भावना मन में होनी चाहिए। मैंने फरवरी में सचेत किया था कि भारत एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। हालांकि यह उंगली उठाने का समय नहीं है और हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए।’’

गांधी ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य कर्मियों समेत केरल के लोगों के मन में संक्रमण से निपटने की भावना यहां अच्छे परिणाम दे रही है। हालांकि यहां भी कुछ कमियां हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन समग्र रूप से देखा जाए, तो मुझे लगता है कि लोगों का उत्साह यहां इस बीमारी से पार पा लेगा। वायनाड में भी बीमारी को काबू करने की दिशा में अच्छा काम किया जा रहा है।’’

हालांकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि हर्षवर्धन की टिप्पणी को कोविड-19 प्रबंधन को लेकर सरकार की आलोचना के तौर पर नहीं लेना चाहिए।

विजयन ने मामलो में बढ़ोतरी के लिए ‘गैर जिम्मेदाराना विपक्ष’ को कसूरवार बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति ओणम उत्सव के दौरान और बाद में नियंत्रण में रही, क्योंकि सख्त निगरानी की गई थी।

विजयन ने कहा था, ‘‘कोविड-19 को काबू करने के लिए उठाए गए हमारे कदम सफल रहे थे, लेकिन राज्य भर में गैर जिम्मेदार विपक्ष के प्रदर्शनों ने सरकार के प्रयासों को पटरी से उतार दिया।’’

भाषा

सिम्मी माधव

माधव