कचरा प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार सबसे अच्छे कदम उठा रही: एनजीटी अध्यक्ष

कचरा प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार सबसे अच्छे कदम उठा रही: एनजीटी अध्यक्ष

कचरा प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार सबसे अच्छे कदम उठा रही: एनजीटी अध्यक्ष
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: November 4, 2022 10:35 pm IST

फरीदाबाद, 04 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने कहा कि ठोस व तरल कचरा प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार देशभर में सबसे अच्छे कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा जारी आदेशों पर हरियाणा सरकार काम करती है। न्यायमूर्ति गोयल शुक्रवार को तरल व ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नई तकनीकों पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहे। न्यायमूर्ति गोयल ने कहा कि हरियाणा ने यमुना में प्रदूषण को लेकर सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि सोनीपत और पानीपत से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को यमुना में डालने पर रोक लगाई है और वहां पर जल-मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) स्थापित किए हैं। न्यायमूर्ति गोयल ने कहा कि पूरे देश के राज्यों को हरियाणा की तरह कचरा प्रबंधन की समस्या के समाधान के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ठोस कूड़ा प्रबंधन व जल शोधन की छोटी-छोअी परियोजनाओं पर काम होना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए नई तकनीकों पर आधारित सेमिनार का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी परियोजनाएं तो लगाई ही जा रही हैं, लेकिन आज छोटी परियोजनाओं की भी आवश्यकता है, ताकि इन्हें कॉलोनी, मोहल्ले व सोसाइटी आदि में भी लगाया जा सके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शोधित पानी का ज्यादा से ज्यादा पुन: इस्तेमाल करना चाहिए। हम हर दिन घरों में गाड़ी धोने, शौचालय, बागवानी के लिए शोधित पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 750 क्यूसेक शोधित पानी का इस्तेमाल हो रहा है, जिसे वर्ष 2030 तक 80 प्रतिशत शोधित पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी एसटीपी लगाने से पहले उससे शोधित होने वाले पानी का पुन: इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेशभर में तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले तालाब का पानी बेहद स्वच्छ होता था जिसे हम पी भी सकते थे, लेकिन अब तालाब दूषित हो रहे हैं और यह पशुओं को पानी पिलाने लायक भी नहीं बचे हैं। ऐसे में हरियाणा सरकार ने तालाब प्राधिकरण (पौंड अथॉरिटी) बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 18 हजार तालाब हैं, इनमें से 1726 तालाबों को चिह्नित किया गया है। भाषा सं.

संतोषसंतोषसंतोष

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