उच्च न्यायालय ने केंद्रीय कौशल परीक्षा पर रोक लगाने के आदेश दिए

उच्च न्यायालय ने केंद्रीय कौशल परीक्षा पर रोक लगाने के आदेश दिए

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  • Publish Date - October 26, 2021 / 05:19 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

Hc orders stay on Central Skill Test : मदुरै, 26 अक्टूबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) कौशल परीक्षा स्थगित करने/रोक लगाने का आदेश दिया है। जनहित याचिका में बताया गया कि यह परीक्षा केवल अंग्रेजी एवं हिंदी में आयोजित हो रही है और किसी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में नहीं है।

केवीपीवाई भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की पहल है जिसका उद्देश्य छात्रों को विज्ञान में शोध कॅरियर अपनाने के लिए बढ़ावा देना है।

मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति एम. दुरईस्वामी ने जनहित याचिका सोमवार को अंतरिम आदेश दिया। याचिका में केवल अंग्रेजी और हिंदी में सात नवंबर को विज्ञान में राष्ट्रीय फेलोशिप कार्यक्रम आयोजित होने पर आपत्ति जताई गई।

केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा था कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में उत्तर पत्र की जांच के लिए पर्याप्त संख्या में परीक्षक नहीं हैं और तकनीकी/वैज्ञानिक शब्दों एवं वाक्यांशों की जांच में समस्या आएगी। अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि जापान और जर्मनी जैसे देशों में इस तरह की समस्या नहीं आती जहां मातृभाषा में पढ़ाई होती है लेकिन तकनीकी विषयों में उन्होंने काफी तेजी से प्रगति की है।

न्यायाधीशों ने केंद्र सरकार से कहा कि वह जवाबी हलफनामा दायर कर बताए कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए वह क्या कदम उठा रही है।

पीठ ने कहा, ‘‘किसी भी उम्मीदवार को इसलिए अयोग्य नहीं ठहराना चाहिए कि उसे हिंदी या अंग्रेजी नहीं आती। कार्यक्रम का उद्देश्य युवा प्रतिभा की पहचान करना है।’’

याचिकाकर्ता जी. तिरूमुरुगन ने याचिका में शिकायत की थी कि कौशल परीक्षा का आयोजन केवल हिंदी और अंग्रेजी में हो रहा है।

केंद्र सरकार को दो हफ्ते के अंदर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए अदालत ने मामले को आगे सुनवाई के लिए चेन्नई पीठ को स्थानांतरित कर दिया।

भाषा नीरज नीरज अनूप

अनूप