Heavy rains in Jammu and Kashmir trigger flood situation, several rivers in spate

मूसलाधार बारिश से कई जिलों में बाढ़ के हालात, बंद कराए स्कूल, कई नदियां उफान पर

Heavy rain in Jammu and kashmir : रामबन-उधमपुर सेक्टर में भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 30 से अधिक स्थानों पर भूस्खलन हुआ है

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : June 22, 2022/1:50 pm IST

रामबन/भद्रवाह/जम्मू/श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई और भूस्खलन की वजह से रणनीतिक रूप से अहम जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा है, जहां सैंकड़ों गाड़ियां फंस गई हैं। वहीं डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि रामबन जिले में एक घर ढह गया। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। उनके मुताबिक, रियासी जिले में अंस नदी में आए सैलाब के कारण पांच लोग फंस गए थे. जिन्हें पुलिस ने बचा लिया।

डोडा जिला प्रशासन ने पर्वतीय जिले के कई इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।

वहीं, घाटी की भी यही सूरत है जहां झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और श्रीनगर में मंगलवार जून के महीने में 50 साल में सबसे सर्द दिन रहा।

एक अधिकारी ने बताया, “हमें चिनाब नदी न उसकी सहायक नदियों के आसपास के इलाकों और रामबन व डोडा जिलों के ढलानों और फिसलन संभावित क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित करना पड़ा है।”

अधिकारियों ने बताया कि रामबन-उधमपुर सेक्टर में भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 30 से अधिक स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण 270 किलोमीटर लंबा राजमार्ग बुधवार को लगातार दूसरे दिन बंद रहा। इस वजह से सैकड़ों गाड़ियां वहां फंस गईं।

उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग मुगल रोड को भी भूस्खलन के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

एक अधिकारी ने कहा कि डोडा के अलावा, रामबन और किश्तवाड़ जिलों के उपायुक्तों ने भी निजी स्कूलों सहित उच्च माध्यमिक स्तर तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक दिन के लिए बंद रखने का आदेश दिया है।

रामबन जिले के उपायुक्त मुसर्रत आलम ने ट्विटर पर कहा, “भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने और कई स्थानों पर भूस्खलन को देखते हुए उच्च माध्यमिक विद्यालयों सहित रामबन जिले के सभी स्कूल आज बंद रहेंगे।”

किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त अशोक शर्मा ने कहा, “मैंने सीईओ किश्तवाड़ को आज किश्तवाड़ जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है।” अधिकारियों ने कहा कि दछन में एक कच्चा घर ढह गया, लेकिन उसमें रहने वाले सभी लोग सुरक्षित हैं।

इन जिलों के उपायुक्तों ने बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए लोगों से घरों में रहने को कहा है । अधिकारियों के मुताबिक, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई है, जिससे ठंड की स्थिति पैदा हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है।

श्रीनगर में अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिन से हो रही भारी बारिश के कारण कश्मीर में अधिकांश जलाश्यों में जलस्तर बढ़ गया है। अनंतनाग जिले के संगम में झेलम नदी बुधवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।

अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर में भारी बारिश की वजह से घाटी के लोग बाढ़ को लेकर चिंतित हैं जबकि अमरनाथ गुफा मंदिर सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से दिन के तापमान में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि अनंतनाग जिले के संगम में जल स्तर 18.18 फुट मापा गया, जो खतरे के निशान यानी 18 फुट से थोड़ा ऊपर है।

मुख्य रूप से कुलगाम जिले से होकर बहने वाली वैशव धारा भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 10 बजे से जलस्तर घटने लगा।

ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश की वजह से पारा काफी लुढ़क गया है जिससे श्रीनगर में करीब 50 सालों में जून में सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया है।

श्रीनगर में मंगलवार को अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो साल के इस समय के सामान्य तापमान से 14.2 डिग्री कम है।

श्रीनगर स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जून में सबसे ठंडा दिन 2015 में दर्ज किया गया था जब अधिकतम पारा 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा था। जम्मू में मौसम केंद्र के मुताबिक, किश्तवाड़ जिले में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है जिससे हवाई और सड़क यातायात बाधित हो सकता है।

 
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