तमिलनाडु में भारी बारिश का कहर, चेन्नई के बांधों से समुद्र में छोड़ा जा रहा पानी

तमिलनाडु में भारी बारिश का कहर, चेन्नई के बांधों से समुद्र में छोड़ा जा रहा पानी

तमिलनाडु में भारी बारिश का कहर, चेन्नई के बांधों से समुद्र में छोड़ा जा रहा पानी
Modified Date: October 22, 2025 / 04:07 pm IST
Published Date: October 22, 2025 4:07 pm IST

(फोटो के साथ)

चेन्नई, 22 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु में लगातार हो रही भारी बारिश से कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं और कुछ जिलों में धान की फसल डूब गई है। इसके अलावा जलभराव के बाद विल्लुपुरम बस स्टैंड पर यात्री फंस गए।

दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर बना निम्न दाब क्षेत्र एक अवदाब में परिवर्तित हो गया है और अगले 24 घंटे के दौरान इसके धीरे-धीरे उत्तर/उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने का अनुमान है।

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तमिलनाडु तट से दूर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम पर बना एक और निम्न दाब क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है तथा अगले 12 घंटे के दौरान इसके अवदाब में परिवर्तित होने से और अधिक बारिश का अनुमान है।

चेन्नई में, जल संसाधन विभाग ने तीन जलाशयों से अतिरिक्त पानी छोड़ने की घोषणा की क्योंकि जल स्तर तेजी से जलाशय चरम सीमा की ओर बढ़ रहा है।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘लोग घबराएं नहीं। चेम्बरमबक्कम, पुझल और पूंडी जलाशयों से पानी समुद्र में छोड़ा जाना शुरू हो चुका है।’’

उन्होंने कहा कि अगर बहुत भारी बारिश भी होती है, तो भी छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा सीमित रहेगी और यह सुरक्षित रूप से समुद्र तक पहुंच जाएगा।

चेन्नई में, 35 फुट क्षमता वाले पूंडी जलाशय में 78.49 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है, जबकि 18.86 फुट की पूर्ण क्षमता वाले चोलावरम में 42.37 प्रतिशत जल है। 21.2 फुट क्षमता वाली रेड हिल्स (पुझल झील) में जलस्तर 83.18 प्रतिशत तक पहुंच गया है जबकि 24 फुट ऊंचे चेम्बरमबक्कम बांध में 77.23 प्रतिशत जल है। वीरनम और थेरवॉय कंडीगई में जल स्तर क्रमशः 24 फुट और 36.6 फुट की अपनी पूर्ण क्षमता के मुकाबले 77.23 प्रतिशत और 86 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

भारी बारिश के कारण राज्य के सबसे बड़े मेट्टूर बांध समेत विभिन्न जलाशयों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। मेट्टूर बांध का जलस्तर चरम सीमा पर पहुंच गया है।

जल संसाधन विभाग के एक सूत्र के अनुसार, सलेम जिले में स्थित मेट्टूर बांध (स्टैनली जलाशय) अपनी पूर्ण जल क्षमता 120 फुट तक पहुंच गया है और इसमें 36,484 क्यूसेक पानी का प्रवाह जारी है। बांध से लगभग 35,741 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यहां 10.6 मिलीमीटर बारिश हुई है।

तेज बारिश के कारण विल्लुपुरम नए बस स्टैंड पर जलभराव हो गया, जिसकी वजह से यात्री फंस गए।

उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने यहां रिपन बिल्डिंग में स्थित एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र का निरीक्षण किया और अधिकारियों को बारिश से संबंधित जनता की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

साथ ही, उन्होंने ग्रेटर चेन्नई निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शहर के कई बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया।

मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के निर्देश के बाद, ग्रेटर चेन्नई निगम (जीसीसी) ने शहर में बारिश से प्रभावित 1.46 लाख लोगों के लिए 106 जगह पर भोजन तैयार करने और परोसने का प्रबंध किया है।

चेन्नई की महापौर आर. प्रिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘शाकाहारी बिरयानी और सांभर दोपहर के भोजन के रूप में परोसा गया।’’

अन्नाद्रमुक के महासचिव ई. के. पलानीस्वामी ने कावेरी डेल्टा जिलों में से एक तंजावुर का दौरा किया, जहां धान की फसल में पानी भर गया है। उन्होंने धान भंडारण केंद्रों का दौरा कर किसानों से बातचीत की।

बाद में, पत्रकारों से उन्होंने कहा कि फसल जलमग्न होने से किसान रो रहे हैं।

उन्होंने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार बारिश में डूबी धान की खरीद करेगी।

मयिलादुथुराई जिले में भी भारी बारिश के कारण लगभग 50,000 एकड़ में उगाई गई फसल जलमग्न हो गई है। आईएमडी ने चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, रानीपेट, तिरुवन्नामलाई, कल्लाकुरिची, अरियालुर, पेरम्बलुर, तंजावुर, तिरुवरूर, नागपट्टिनम जिलों और कराईकल क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने भारी बारिश के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर पूर्वोत्तर मानसून की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को सतर्क रहने तथा बचाव एवं राहत गतिविधियों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।

चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, विल्लुपुरम, कुड्डालोर, कल्लाकुरिची, तंजावुर, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई और तूतीकोरिन जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने तमिलनाडु के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। आईएमडी ने कहा कि एक निम्न दाब क्षेत्र बन रहा है जो गहन दाब क्षेत्र में तब्दील हो सकता है।

भाषा जोहेब नेत्रपाल

नेत्रपाल


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