‘टेकडाउन’ आदेश पर पुनर्विचार के सरकार के इनकार के बाद उच्च न्यायालय ने ‘एक्स कॉर्प’ की अपील स्वीकार की
‘टेकडाउन’ आदेश पर पुनर्विचार के सरकार के इनकार के बाद उच्च न्यायालय ने ‘एक्स कॉर्प’ की अपील स्वीकार की
बेंगलुरु, चार अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को ‘एक्स कॉर्प’ (पूर्व नाम ट्विटर) की ओर से दायर अपील को विचारार्थ स्वीकार कर लिया जिसमें एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई है। इस आदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी ‘टेकडाउन’ आदेश के खिलाफ दायर एक्स कॉर्प की याचिका को खारिज कर दिया गया था।
‘टेकडाउन’ का आशय सोशल मीडिया मंच से किसी खाते (अकाउंट) और अन्य सामग्री को प्रतिबंधित करने या इन्हें हटाने से है।
दो फरवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2022 के बीच 10 सरकारी आदेश जारी करके तत्कालीन सोशल मीडिया मंच ट्विटर को 1474 अकाउंट, 175 ट्वीट और 256 यूआरएल और एक हैशटैग को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया था।
कंपनी ने इस आदेश को एकल न्यायाधीश की पीठ के समक्ष चुनौती दी, लेकिन उसने कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया और उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
इसके बाद कंपनी ने न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति विजयकुमार ए. पाटिल की खंडपीठ के समक्ष अपील की।
‘एक्स कॉर्प’ के वकील साजन पूवय्या ने बुधवार को दलील दी कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से सूचना तकनीकी कानून की धारा 69ए के तहत आवश्यकता के तौर पर खातों को ब्लॉक करने के कारणों को दर्ज करते हुए अंतिम आदेश पारित नहीं किया गया है।
लेकिन उच्च न्यायालय ने कहा कि कारण दर्ज कराने का मुद्दा एकल न्यायाधीश की पीठ की ओर से स्वीकार किया गया था और फिलहाल मुद्दा यह है कि क्या इसे खाता धारक को सूचित करना चाहिए।
सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि आदेशों को खाता धारकों ने चुनौती नहीं दी है, बल्कि मंच (एक्स कॉर्प) ने दी है।
उच्च न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को करेगा।
भाषा संतोष वैभव
वैभव

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