उच्च न्यायालय ने पीएफआई नेता अबूबकर की चिकित्सा स्थिति पर मांगी रिपोर्ट
उच्च न्यायालय ने पीएफआई नेता अबूबकर की चिकित्सा स्थिति पर मांगी रिपोर्ट
नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) से जुड़े एक मामले में जेल में बंद पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर की चिकित्सा स्थिति और उसके उपचार को लेकर सोमवार को एक रिपोर्ट मांगी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अगुवाई वाली पीठ ने चिकित्सा देखभाल की मांग से जुड़ी अबूबकर की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसके इलाज का पूरा रिकार्ड अदालत में पेश किया जाए।
पीएफआई नेता के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल उसे एम्स में भर्ती करने के निचली अदालत के आदेश को लागू करने की अपील कर रहा है।
इस अर्जी पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति मृदुल और न्यायमूर्ति अनीष दयाल की पीठ ने कहा, ‘‘ चिकित्सा अधीक्षक को अपीलकर्ता की वर्तमान चिकित्सा स्थिति तथा एम्स से चल रहे इलाज पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाता है।’’
एनआईए के वकील ने कहा कि जेल में अबूबकर की उचित चिकित्सा देखभाल की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने उसका बेहतर इलाज कराया है।’’
अबूबकर इससे पहले अपने खराब स्वास्थ्य के आधार पर रिहाई की मांग करते हुए उच्च न्यायालय गया था। बाद में उसने यह अर्जी वापस ले ली थी और उसे निचली अदालत में जाने की छूट दी गयी थी।
सत्तर वर्षीय अबूबकर ने तब उच्च न्यायालय से कहा था कि उसे कैंसर है और उसे शरीर में बहुत दर्द होता है एवं उसे चिकित्सकीय निगरानी की जरूरत है।
पिछले साल पीएफआई पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान एआईए ने अबूबकर को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
फरवरी में उच्च न्यायालय ने तिहाड़ जेल के चिकित्सा अधीक्षक को अबूबकर की बीमारियों को लेकिन नियमित आधार पर उसके लिए ‘प्रभावी’ इलाज सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया था।
उच्च न्यायालय ने अबूबकर को घर में नजरबंद रखने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया था और कहा था कि यदि जरूरत पड़े तो उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश

Facebook



