ब्रिटेन में कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ऊंची मृत्युदर से जुड़ा हुआ है: अध्ययन

ब्रिटेन में कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ऊंची मृत्युदर से जुड़ा हुआ है: अध्ययन

ब्रिटेन में कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ऊंची मृत्युदर से जुड़ा हुआ है: अध्ययन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: March 11, 2021 11:41 am IST

लंदन, 11 मार्च (भाषा) एक नये अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन में पिछले वर्ष सामने आया कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप वायरस के पिछले रूपों की तुलना में 30 से 100 प्रतिशत घातक हो सकता है।

कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ने दुनिया में फैलने से पहले पूरे ब्रिटेन को प्रभावित किया था और अध्ययन के अनुसार इसे अधिक घातक माना जा सकता है।

‘ब्रिटिश मेडिकल जर्नल’ में बुधवार को प्रकाशित शोध में कहा गया है कि वायरस के संस्करण बी.1.1.7 पिछले स्ट्रेनों की तुलना में समुदाय में वयस्कों के बीच काफी ऊंची मृत्यु दर से जुड़ा हुआ है।

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अध्ययन में, ब्रिटेन में एक्सेटर और ब्रिस्टल के विश्वविद्यालयों के महामारी विज्ञानियों ने नए संस्करण से संक्रमित लोगों और अन्य स्ट्रेन से संक्रमित लोगों के बीच मृत्यु दर की तुलना की।

अध्ययन में पाया गया कि नये स्वरूप में 54,906 मरीजों के नमूनों में से 227 की मौत हुई जबकि पिछले स्ट्रेन से पीड़ित इतने ही लोगों में से 141 की मौत हुई।

एक्सेटर विश्वविद्यालय में अध्ययन के प्रमुख लेखक रॉबर्ट चालेन ने कहा, ‘‘समुदाय में कोविड-19 से मौत एक दुर्लभ घटना है लेकिन बी.1.1.7 ने जोखिम को बढ़ा दिया है और यह एक खतरा बनकर उभरा है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।’’

यह स्वरूप सबसे पहले ब्रिटेन में सितम्बर, 2020 में सामने आया था और यह बड़ी तेजी और आसानी से फैला और इसके कारण कई लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा।

ब्रिस्टल विश्वविद्यालय से अध्ययन के वरिष्ठ लेखक लियोन डैनन ने कहा, ‘‘हमने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच उस समय सामने आये मामलों पर अपने विश्लेषण को केंद्रित किया, जब पुराना स्वरूप और नया स्वरूप दोनों ब्रिटेन में मौजूद थे।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव


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