नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) हिंदी उपन्यासकार संजीव और अंग्रेजी लेखिका नीलम शरण गौड़ सहित 24 लेखकों को मंगलवार को यहां साहित्य अकादमी पुरस्कार (2023) से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार समारोह साहित्य अकादमी की 70वीं वर्षगांठ के जश्न ‘साहित्योत्सव’ के साथ आयोजित किया गया।
साहित्य अकादमी पुरस्कार जिन कृतियों के लिए दिए गए उनमें कविता की नौ पुस्तकें, छह उपन्यासों के साथ ही लघु कथाओं की पांच किताबें भी शामिल हैं।
जानेमाने लेखक संजीव को उनके उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ और नीलम शरण गौड़ को उनके उपन्यास ‘रेक्युम इन रागा जानकी’ के लिए सम्मानित किया गया।
उर्दू में सादिका नवाब सहर को उनकी किताब ‘राजदेव की अमराई’ के लिए पुरस्कृत किया गया है।
इसके अलावा जिन रचनाकारों को पुरस्कृत किया गया है उनमें विजय वर्मा (डोगरी), विनोद जोशी (गुजराती), मंशूर बनिहाली (कश्मीरी), एस गंभिनी (मणिपुरी), आशुतोष परीडा (उड़िया), गजेसिंह राजपुरोहित (राजस्थानी), अरुण रंजन मिश्र (संस्कृत), विनोद आसुदानी (सिंधी) शामिल हैं।
इसके अलावा स्वपनमय चक्रवर्ती (बांग्ला), कृष्णात खोत (मराठी) और राजशेखरन (तमिल), प्रणवज्योति डेका (असमिया), नंदेश्वर दैमारि (बोडो), प्रकाश एस. पर्येंकार (कोंकणी), टी. पतंजलि शास्त्री (तेलुगु) और तारासीन बासकी (संताली) को भी प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया।
पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए प्रख्यात लेखिका प्रतिभा राय ने कहा कि ‘भाषा की प्रगति के बिना, कोई भी संस्कृति बहुत समय तक जीवित नहीं रह सकती।’’
उन्होंने कहा, ‘साहित्य सभी को जोड़ता है और यह कभी विभाजन नहीं करता है। लेखन हमेशा सार्वभौमिक होता है और विभिन्न बदलाव के समय भी अपनी चमक नहीं खोता है।’’
इस कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक, उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा और सचिव के श्रीनिवासराव भी उपस्थित थे।
भाषा अविनाश अमित
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