अपना दल ने ओबीसी वर्ग के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा और अलग मंत्रालय बनाने की मांग की

अपना दल ने ओबीसी वर्ग के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा और अलग मंत्रालय बनाने की मांग की

अपना दल ने ओबीसी वर्ग के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा और अलग मंत्रालय बनाने की मांग की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: February 2, 2021 12:24 pm IST

नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को कहा कि उच्चतर न्यायिक व्यवस्था में देश की सामाजिक विविधता नहीं दिखाई देती है।

इसके साथ ही पटेल ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन और अलग मंत्रालय बनाने की मांग की।

केंद्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी की ओर से मिर्जापुर की सांसद पटेल ने कहा कि उन्होंने बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की एक बैठक में यह दोनों मांग उठाई थी।

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उन्होंने कहा, “अभी तक ओबीसी कल्याण सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन आता है जिसके पास ट्रांसजेंडर समुदाय, मादक पदार्थ के आदी लोगों, वृद्ध और भिखारियों के मुद्दों को देखने का अतिरिक्त काम भी है।”

पटेल ने पीटीआई-भाषा से कहा, “मंत्रालय के ऊपर अतिरिक्त बोझ है क्योंकि उसे समाज के कई सारे वर्गों का काम देखना पड़ता है।”

उन्होंने कहा, “अन्य पिछड़ा वर्ग के वास्ते बजट का जो हिस्सा जाता है वह भी बेहद कम है।”

पटेल ने कहा कि सामाजिक न्याय मंत्रालय को मिले बजट का बेहद कम हिस्सा ओबीसी के लिए खर्च होता है इसलिए यह जरूरी है कि इस समुदाय के लिए अलग मंत्रालय बनाने की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया जाए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन की मांग भी की।

उन्होंने कहा, “देश की उच्चतर न्यायिक व्यवस्था में सामाजिक विविधता नहीं दिखाई देती। आपको समाज के हाशिये पर खड़े पिछड़ी जाति, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य दमित वर्ग से आया हुआ व्यक्ति न्यायाधीश के पद पर बहुत कम देखने को मिलेगा।”

भाषा यश नरेश

नरेश


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