हिज्ब-उल-मुजाहिदीन प्रमुख के बेटों ने जेल में फोन सुविधा बहाल करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया

हिज्ब-उल-मुजाहिदीन प्रमुख के बेटों ने जेल में फोन सुविधा बहाल करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया

हिज्ब-उल-मुजाहिदीन प्रमुख के बेटों ने जेल में फोन सुविधा बहाल करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया
Modified Date: May 9, 2025 / 07:13 pm IST
Published Date: May 9, 2025 7:13 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) हिज्ब-उल-मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के जेल में बंद बेटों ने अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने की सुविधा बहाल करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने पाया कि राज्य सरकार और जेल अधिकारियों की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ। इसके बाद पीठ ने याचिका की अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख तय की।

सलाहुद्दीन के बेटों- सैयद अहमद शकील और सैयद शाहिद यूसुफ- ने दिल्ली जेल नियमावली के नियम 631 को चुनौती दी है।

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इस नियम के अनुसार राज्य के खिलाफ अपराध, आतंकवादी गतिविधियों और अन्य जघन्य अपराधों के आरोपी टेलीफोन और इलेक्ट्रॉनिक संचार सुविधाओं का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित होते हैं।

हालांकि, यह जेल अधीक्षक को उप महानिरीक्षक (रेंज) की पूर्व स्वीकृति के आधार पर व्यक्तिगत मामलों में उचित निर्णय लेने का अधिकार देता है।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने हवाला लेनदेन से जुड़े आतंकी वित्तपोषण मामले में दोनों को गिरफ्तार किया था तथा फिलहाल वे दिल्ली की अलग-अलग जेलों में बंद हैं।

उनके वकील ने कहा कि आतंकी मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे कई अन्य आरोपियों ने भी उच्च न्यायालय का रुख किया है और जेल अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर बंद की गई उनकी फोन सुविधाओं को बहाल करने की मांग की है।

अदालत ने जनवरी में कहा था कि आतंकवाद, महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) और अन्य जघन्य आरोपों का सामना कर रहे कैदियों को नियमित टेलीफोन और इलेक्ट्रॉनिक संचार से वंचित करना प्रथम दृष्टया मनमाना नहीं है।

शकील को एनआईए ने 2011 में दर्ज आतंकी वित्तपोषण मामले में 30 अगस्त 2018 को श्रीनगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था।

एनआईए का मामला पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों द्वारा जम्मू-कश्मीर में हवाला चैनलों के माध्यम से धन हस्तांतरित करने से संबंधित है।

यह आपराधिक साजिश भारत में कुछ गुर्गों के साथ मिलकर रची गई थी, ताकि जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके और उन्हें वित्तपोषित किया जा सके।

एनआईए ने कहा कि यूसुफ को विदेश से हिज्ब-उल-मुजाहिदीन से धन प्राप्त करने के आरोप में अक्टूबर, 2017 में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

दूसरी ओर, शकील ने कथित तौर पर फरार आरोपी एजाज अहमद भट से वेस्टर्न यूनियन के माध्यम से धन प्राप्त किया था और उसका नाम सऊदी अरब के कैडर के माध्यम से आतंकवादी संगठन से धन जुटाने, प्राप्त करने और इकट्ठा करने में भी सामने आया था।

अमेरिका द्वारा घोषित ‘वैश्विक आतंकवादी’ सैयद सलाहुद्दीन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन का स्वयंभू कमांडर है।

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश


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