गृह मंत्रालय ने ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया |

गृह मंत्रालय ने ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया

गृह मंत्रालय ने ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया

:   Modified Date:  January 17, 2024 / 02:29 PM IST, Published Date : January 17, 2024/2:29 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) सरकार ने नियमों के कथित उल्लंघन के लिए प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण रद्द कर दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा यह कदम एफसीआरए के तहत गैर-लाभकारी संस्था (एनजीओ) के पंजीकरण को निलंबित करने के लगभग एक साल बाद उठाया गया है।

आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी के बाद से थिंक-टैंक जांच के दायरे में है।

गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान कानून के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के लिए एनजीओ का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया है। इससे पहले एफसीआरए लाइसेंस फरवरी 2023 में 180 दिनों के लिए निलंबित किया गया था। फिर निलंबन को और 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया।

इसकी वेबसाइट के अनुसार ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) 1973 से भारत के अग्रणी थिंक-टैंक में से एक रहा है।

इसमें बताया कि यह अध्ययन के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी, गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र संस्थान है।

‘सीपीआर’ को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, हेवलेट फाउंडेशन, विश्व बैंक, फोर्ड फाउंडेशन, ब्राउन यूनिवर्सिटी के अलावा अन्य संस्थानों से चंदा मिलता था।

इसके संचालन निकाय के पूर्व सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश दिवंगत वाई. वी. चंद्रचूड़, अनुभवी पत्रकार दिवंगत बी.जी. वर्गीस शामिल रहे।

जब ‘सीपीआर’ ने अपने निलंबन को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी तो गृह मंत्रालय ने तर्क दिया था कि सीपीआर का विदेशी चंदा रोकने की जरूरत है क्योंकि इसे ‘‘अवांछनीय उद्देश्यों’’ के लिए विदेशी चंदा प्राप्त हो रहा है, जिससे देश के आर्थिक हित प्रभावित हो सकते हैं।

गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि ‘सीपीआर’ ने एफसीआरए का उल्लंघन करते हुए विदेशी चंदे को अन्य संस्थाओं में स्थानांतरित कर दिया और चंदे को ऐसे खातों में जमा कर दिया, जो कि रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थे।

संपर्क करने पर सीपीआर अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी यामिनी अय्यर ने कहा कि संस्था जल्द ही एक बयान जारी करेगी।

भाषा खारी नरेश

नरेश

 

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