इस मंदिर में पति-पत्नी एक साथ दर्शन करने की नहीं है अनु​मति, एक साथ दर्शन करने से हो जाता है तलाक!

इस मंदिर में पति-पत्नी एक साथ दर्शन करने की नहीं है अनु​मति, एक साथ दर्शन करने से हो जाता है तलाक!

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  • Publish Date - December 18, 2019 / 09:19 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:31 PM IST

हिमाचल: दुनिया मे भर में कई ऐसे मंदिर हैं जो मनोकामना पूरी होने की मान्यता है। ऐसे मंदिरों में रोजाना हजारों भक्त अपनी मुराद लेकर पहुंचते हैं। लेकिन नहम आज आपको ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां अगर पति-पत्नी एक साथ दर्शन कर लें तो उनका तलाक हो जाता है। हालांकि इस बात का कोई प्रमाण तो नहीं मिलता, लेकिन यहां के लोगों में ये मान्यता है। आज तक इस मंदिर में किसी भी जोड़े ने एक साथ पूजा नहीं की है। तो चलिए हम आज आपको इस मंदिर के बारे में बताते हैं।

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दरअसल यह मंदिर शिमला के रामपुर में स्थित है। मां दुर्गा को इस मंदिर को ‘श्राई कोटि’ मंदिर के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां पति-पत्नी को एक साथ दर्शन करने की अनुमति नहीं है। यहां ऐसी मान्यता है कि एक साथ दर्शन करने से पति पत्नी को कालांतर में अलग होना पड़ सकता है। जल्द ही दंपति का तलाक हो जाता है। इस मंदिर में दंपत्ति जाते तो हैं पर एक बार में एक ही दर्शन करता है।

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ऐसी है प्राचिन मान्यता
‘श्राई कोटि’ मंदिर को लेकर एक प्राचिन कथा भी जुड़ी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर से भगवान शंकर के परिवार से गहरा नाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार जब भगवान शंकर ने अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिकेयजी को ब्रह्मांड का चक्कर लगाने को कहा था। पिता का आदेश सुनकर कार्तिकेयजी ब्रम्हांड का चक्कर लगाने निकल पड़े, लेकिन गणेशजी ने अपने माता पिता को ही ब्रम्हांड मानकर चक्कर लगा लिया था।

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कार्तिकेयजी जब ब्रम्हांड का चक्कर लगाकर लौटते गणेशजी का विवाह हो चुका था। यह देखकर कार्तिकेयजी क्रोधित हो गए। उन्होंने प्रतिज्ञा कर ली कि वे कभी विवाह नहीं करेंगे। जब मां पार्वती को कार्तिकेयजी की इस प्रतिज्ञा के बारे में मालूम हुआ तो वे भी नाराज हुईं। उन्होंने कहा कि जो भी पति-पत्नी एकसाथ इस मंदिर में दर्शन करेंगे उन्हें भविष्य में एकदूसरे से अलग होना पड़ेगा। यही कारण है कि आज भी यहां दंपत्ति एकसाथ पूजा नहीं करते।

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