सुप्रीम कोर्ट की दो टूक, अगर मंत्री सही नहीं, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे

सुप्रीम कोर्ट की दो टूक, अगर मंत्री सही नहीं, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे

सुप्रीम कोर्ट की दो टूक, अगर मंत्री सही नहीं, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:46 pm IST
Published Date: July 2, 2021 7:33 am IST

नई दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ दायर उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की आधिकारिक स्थिति पर टिप्पणी कर उन्होंने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है।

ये भी पढ़ें: मंच पर गिरने को लेकर बोले ऊर्जा मंत्री तोमर, ‘हो सकता है मुझे अहंकार आया हो..इसलिए यह घटना हुई’

न्यायालय ने कहा, ‘‘ अगर मंत्री सही नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती।’’ प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एक पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही तमिलनाडु के निवासी याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन रामासामी की याचिका खारिज कर दी। रामासामी खुद को एक वैज्ञानिक बताते हैं।

 ⁠

ये भी पढ़ें: देश में कोरोना के 46,617 नए मामले, मरीजों के ठीक हो…

पीठ ने कहा, ‘‘ अगर आपको किसी मंत्री का बयान पसंद नहीं आया, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप याचिका दायर कर उसे बयान वापस लेने के लिए कहेंगे। अगर मंत्री सहीं नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती।’’ पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप वैज्ञानिक हैं, ‘‘ इसलिए आपको अपनी क्षमता का उपयोग देश के लिए कुछ करने के लिए करना चाहिए। हम याचिका खारिज कर रहे हैं।’’ याचिका में केन्द्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह यह घोषणा करे कि केन्द्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति के संबंध में कथित टिप्पणी कर अपनी शपथ का उल्लंघन किया है।


लेखक के बारे में